छिंदवाड़ा . इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छिंदवाड़ा के बैनर तले बुधवार दोपहर 12 बजे शासकीय एवं निजी चिकित्सकों ने प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन ज्ञापन सौंपा तथा नेशनल मेडिकल कमीशन को वापस लेने की मांग रखी। इस अवसर पर आईएमए पदाधिकारी एवं सदस्यों ने जिला चिकित्सालय से कलेक्ट्रेट परिसर तक पैदल मार्च निकाला। कलेक्टर की ओर से डिप्टी कलेक्टर आरआर पांडे ने ज्ञापन स्वीकार किया।
जिलाध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र स्थापक ने बताया कि चिकित्सकीय पेशे में दिनोंदिन होने वाली दिक्कतों को लेकर गत वर्ष ही आंदोलन किया जाना था, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा मांगों के निराकरण को लेकर आश्वासन दिया गया था। जिसके कारण आंदोलन स्थगित किया गया। लेकिन उपरोक्त सम्बंध में शासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की तथा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को हटाकर मनोनित संस्था नेशनल मेडिकल संस्था का गठन किया।
डॉ. स्थापक ने बताया कि नई संस्था के प्रभाव में आने से काफी दिक्कतें सामने आ सकती है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 60 से 90 प्रतिशत सीटों को नीलामी या डोनेशन द्वारा भरने की छूट मिल जाएगी। वहीं आयुर्वेदिक, होम्योपेथिक डॉक्टर भी एक ही रजिस्टर में पंजीकृत होंगे। सचिव डॉ. रवि टांडेकर ने आईएमए द्वारा रखी गई छह मांगों की जानकारी दी। जिसमें एनएमसी को समाप्त कर आईएमए को वापस स्थापित किया जाए।
सीपीए में मुआवजे की राशि में लिमिट तय किया जाए, क्लीनिक स्थापना एक्ट में बदलाव किया जाए, पीजीपीएनडीटी एक्ट में संशोधन सहित अन्य मांगे शामिल है। इस दौरान आईएमए के सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित थे।