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छिंदवाड़ा

चुनाव तो कही परीक्षा बना प्रोफेसरों के लिए बहाना, कॉलेजों में कक्षाएं ठप

दिक्कत पीजी कॉलेज में देखी जा रही है।

छिंदवाड़ाApr 23, 2019 / 11:59 am

ashish mishra

patrika

चुनाव तो कही परीक्षा बना प्रोफेसरों के लिए बहाना, कॉलेजों में कक्षाएं ठप

छिंदवाड़ा. चुनाव और परीक्षा के बहाने शासकीय कॉलेजों में कुछ प्रोफेसरों की मौज हो गई है। इन प्रोफेसरों के अनुपस्थित रहने से कॉलेज में अध्यापन कार्य ठप हो गया है। जिससे विद्यार्थी परेशान हैं। सबसे अधिक दिक्कत पीजी कॉलेज में देखी जा रही है। यहां चुनाव के लिए कॉलेज के अधिकतर भवन अधिग्रहित कर लिए गए हैं। वहीं चुनाव एवं परीक्षा में लगभग 60 प्रतिशत स्थाई प्रोफेसरों की ड्यूटी लगाई गई है। विद्यार्थियों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि कॉलेज में पढ़ाने के लिए जगह नहीं है। अगर कॉलेज प्रबंधन चाहे तो अध्यापन कार्य सुचारू रूप से चल सकता है। जरूरी यह है कि प्रोफेसरों के ड्यूटी को लेकर मानिटरिंग हो। चुनाव या फिर परीक्षा में प्रोफेसर या अन्य स्टाफ की ड्यूटी जितने देर लगती है उसके बाद भी समय होता है, लेकिन प्रोफेसर अध्यापन कार्य को अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं। वहीं इस पर कॉलेज भी ध्यान नहीं दे रहा है।
नहीं हो रही मानिटरिंग
सूत्रों की मानें जिन प्रोफेसर की ड्यूटी चुनाव में लगाई जा रही है, वह कॉलेज में मौखिक जानकारी देकर ही चले जा रहे हैं, अगर ड्यूटी कुछ घंटे की है तो भी वह कॉलेज नहीं लौटते। यानि ड्यूटी पूरी होने के बाद भी कॉलेज से दूरी बनाए रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रोफेसरों के पास परीक्षा के चलते कॉलेज में रूम खाली न रहने का भी बहाना है।
इन सेमेस्टर की परीक्षाएं हो रही प्रभावित
वर्तमान समय में पीजी कॉलेज में स्नातकोत्तर सेकंड और चतुर्थ सेमेस्टर और स्नातक छठवें सेमेस्टर वहीं राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में स्नातकोत्तर सेकंड एवं चतुर्थ की पढ़ाई बाधित हो रही है।
इनका कहना है…
कॉलेज का अधिकतर स्टाफ चुनाव एवं परीक्षा ड्यूटी में लगा हुआ है। हम अध्यापन व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं। विद्यार्थियों की शिकायत एक मई से दूर हो जाएगी।
डॉ. गोपाल जायसवाल, प्राचार्य, पीजी कॉलेज
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