पांच सौ किलो तक के त्रिशूल
महादेव को अर्पित करने के लिए भक्त सैकड़ों किलो वजनी त्रिशूल अर्पित करने के लिए ले जाते हैं। कई त्रिशूल चार से पांच सौ किलो लोहे के बने होते हैं। स्थानीय मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद इनकी शोभायात्रा निकाली जाती है और फिर विशेष वाहन में रखकर इन्हें पचमढ़ी ले जाया जाता है। वहां से लगभग दस से 12 किलोमीटर तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। शिवभक्त इसे आसानी से कर लेते हैं।
महादेव को अर्पित करने के लिए भक्त सैकड़ों किलो वजनी त्रिशूल अर्पित करने के लिए ले जाते हैं। कई त्रिशूल चार से पांच सौ किलो लोहे के बने होते हैं। स्थानीय मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद इनकी शोभायात्रा निकाली जाती है और फिर विशेष वाहन में रखकर इन्हें पचमढ़ी ले जाया जाता है। वहां से लगभग दस से 12 किलोमीटर तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। शिवभक्त इसे आसानी से कर लेते हैं।