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छिंदवाड़ा

बढ़ता तापमान -घटना जलस्तर, लोग कह रहे पानी-पानी

बढ़ते तापमान और गर्म होते मौसम के साथ दिनों दिन घटते जलस्तर की वजह से क्षेत्र में हर ओर पानी के लिए त्राही-त्राही मची हुई है,

छिंदवाड़ाJun 25, 2019 / 12:54 am

Sanjay Kumar Dandale

water crises

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छिंदवाड़ा/सौंसर. बढ़ते तापमान और गर्म होते मौसम के साथ दिनों दिन घटते जलस्तर की वजह से क्षेत्र में हर ओर पानी के लिए त्राही-त्राही मची हुई है, सौंसर क्षेत्र से लगी हुई कन्हान नदी में पानी नहीं, जोंबनीखापा, कन्हान पीपला, काजलवाणी से लेकर आगे बढ़ते हुए लोधीखेड़ा से आगे बढ़ जाने के बाद भी इस कन्हान नदी में मात्र सूखा ही नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि माह मार्च, अप्रैल के पूर्व ही कन्हान नदी में पानी नहीं बचा था, तो यही आलम मोहगांव क्षेत्र से लगी हुई सर्पिणी नदी में भी जल नहीं है, तो वहीं सौंसर नगर से लगी हुई जाम नदी भी सूख चुकी है। ज्ञात हो कि इन तीनों नदियों की वजह से क्षेत्र में पानी की समस्या किसी भी मौसम में नहीं रहती थी, परंतु बीते कुछ वर्षों से ग्रीष्म मौसम लगने के पूर्व ही यह नदियां सूखने लगी है, जिसकी वजह से क्षेत्र का जलस्तर भी काफी मात्रा में घट चुका है।
आलम तो यह है कि नगर क्षेत्र के कुओं और हैंडपंप का जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। इस ग्रीष्म के मौसम में तीनों नदियां सूखी नजर आ रही है। पेड़, पौधों की अधिक मात्रा में हो रही कटाई, बारिश नहीं होना, पर्यावरण संतुलन, यह सब चिंता का विषय है।

वाटर हार्वेस्टिंग प्लान जरूरी

आए दिन घटते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए पानी की गंभीर समस्या के चलते वाटर हार्वेस्टिंग प्लान के तहत पानी स्टोर करना अति आवश्यक हो चुका है। पानी का उपयोग करते हुए पानी को कैसे बचाया जाए जिससे की बचा हुआ पानी फिर से उपयोग में ला सके और पानी की समस्या से थोड़ी बहुत राहत मिल सके। इसके लिए पानी को व्यर्थ बहने से बचाना पानी की सेविंग ही एकमात्र उपाय है। नगर पालिका
ने पानी बचाओ अभियान के तहत वाटर हार्वेस्टिंग के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है परंतु कितना सार्थक होता है इसके लिए आम नागरिकों को भी अपनी ओर से सहयोग देने की आवश्यकता है।

पेयजल के लिए भटक रहे मवेशी
इन भीषण गर्मी के दिनों में आमजन जीवन जलसंकट की वजह से खासा प्रभावित रहा तो वहीं पशुओं को भी जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। पशुओं को पेयजल के लिए भटकते हुए देखा जा रहा है तो यही हाल क्षेत्र में आवारा घूम रहे मवेशियों के लिए भी पेयजल समस्या बनी हुई है। जलसंकट की समस्या की वजह से पशुओं को समय पर पानी नहीं मिलने की वजह से वह बीमार पड़ रहे तो कई पशु दम तोड़ रहे हैं। जिन ग्रामीण अंचल में पानी की अधिक समस्या है ऐसे किसानों को अपने घर परिवार के लिए पेयजल एवं पशुओं के लिए पेयजल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। घर परिवार के लिए जलापूर्ति एवं पशुओं के लिए पानी की तलाश में भटक रहे हंै।

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