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छिंदवाड़ा

Politics: तीन महीने बाद छिंदवाड़ा आएंगे कमलनाथ, छवि को सुधारने की कोशिश

Politics: 26 से तीन दिन रहेंगे जिले में, वे सीएम रहते हुए 20 फरवरी को सामूहिक विवाह समारोह में अपने पुत्र और सांसद नकुलनाथ के साथ छिंदवाड़ा आए थे

छिंदवाड़ाMay 24, 2020 / 06:11 pm

prabha shankar

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Politics: Kamal Nath will come to Chhindwara after three months

छिंदवाड़ा/ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और छिदंवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक कमलनाथ 26 मई से तीन दिन के लिए अपने गृहनगर छिंदवाड़ा आ रहे है। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उनकी यह पहली छिंदवाड़ा यात्रा होगी। वे सीएम रहते हुए 20 फरवरी को सामूहिक विवाह समारोह में अपने पुत्र और सांसद नकुलनाथ के साथ छिंदवाड़ा आए थे। इसके बाद मार्च में भी उनका दौरा बना था, लेकिन वह रद्द कर दिया गया था।

बहरहाल, उनके इस दौरे को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। ध्यान रहे गत दिवस शहर में कमलनाथ और नकुलनाथ के लापता होने के पोस्टर किसी ने लगा दिए थे और उन्हें ढूंढकर लाने वाले को 21 हजार रुपए इनाम देने की बात लिखी गई थी। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने अपने नेताओं का पक्ष लेते हुए कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा करने की बात कहकर उनका पक्ष रखा। चालीस साल तक जिले के सांसद के रूप में सेवा दे चुके कमलनाथ के खिलाफ इस तरह का प्रचार कभी नहीं हुआ था।

लॉकडाउन में भी अन्य विधायक और सांसद अपने क्षेत्रों में पहुंचे, लेकिन पिता-पुत्र दोनों यहां नहीं आए, इसने भी भाजपा को उन पर हमला करने का मौका दिया। जिले के कांग्रेस नेता उनकी तरफ से यहां के हालचाल लेने की बात कहते रहे। जिला अस्पताल में जरूरी उपकरणों की खरीदी के साथ दीनदयाल रसोई में भी अपनी तरफ से राशि नकुलनाथ ने दी। कांग्रेस ने शनिवार को ही जिले के लिए कमलनाथ और नकुलनाथ द्वारा 50 लाख रुपए से लॉकडाउन में प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए देने की बात कही। बताया जा रहा है अपनी अनुपस्थिति से बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए ही कमलनाथ छिंदवाड़ा के दौरे पर आ रहे हैं। वे 26 से 28 मई तक छिंदवाड़ा में रहेंगे। बताया जाता है कि जिले के नेताओं से चर्चा के बाद रविवार शाम तक उनका विस्तृत दौरा तय हो जाएगा।
गौरतलब है मुख्यमंत्री रहते हुए सवा साल के दौरान शायद ही कोई महीना गया हो जब मुख्यमंत्री का छिंदवाड़ा दौरा न लगा हो। सांसद बनने के बाद नकुलनाथ भी जिले में हर महीने मैराथन सभाएं लेने लगे थे, लेकिन प्रदेश से सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों नेताओं ने छिंदवाड़ा से दूरी बना ली। यह मुद्दा भाजपा ने भी उठाया। पोस्टर प्रकरण में किसका हाथ है, यह तो पता नहीं चल पाया, लेकिन भाजपा ने सीधा आरोप लगाया कि सत्ता पास में होने तक हर महीने जिले का दौरा लगाने वाले कमलनाथ पिछले तीन महीने से एक भी बार छिंदवाड़ा आए न अपने बेटे सांसद को यहां की सुध लेने के लिए भेजा।

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