कर्नाटक-महाराष्ट्र में उत्पादन कम
अरहर का उत्पादन कर्नाटक-महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा होता है। पिछले साल खरीफ में वहां इसका उत्पादन कम हुआ है। दाल के थोक विक्रेताओं ने बताया कि अरहर की दाल का आयात बाहर से भी हुआ है, लेकिन लोकल दाल की डिमांड बाजार में ज्यादा रहती है। लोग यहीं की दाल को खाना पसंद करते हैं। प्रदेश में पिपरिया की दाल की मांग सालभर तक बनी रहती है। इस बार यहां की दाल के भाव भी चढ़े हुए हैं।
बाकी अनाजों में ठहराव… अरहर और मूंग को छोड़ दें तो बाकी अनाज के दामों में ठहराव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि इस समय शादी विवाह के कारण उठाव है, लेकिन तेल के भाव जस के तस बने हुए हैं। चावल डिमांड के बावजूद पुराने दामों पर टिका हुआ है। उड़द, चना के भाव भी ज्यादा नहीं बढ़े हैं।
महंगा हो रहा ईंधन भी एक कारण
महंगा हो रहा ईंधन भी एक कारण बन रहा है। पेट्रोल डीजल के दाम मार्च से अब तक एक रुपया लीटर बढ़ चुके हैं। ऐसे में ट्रांससपोर्टेशन भी महंगा हुआ है। भाड़ा बढऩे का असर भी दामों पर पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद और उथल पुथल होने की सम्भावना बाजार में बैठे व्यापारी जता रहे हैं।