घाट सेक्शन को अप्रूव करना सीआरएस के लिए नहीं आसान
गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा छिंदवाड़ा से नागपुर कुल लगभग 149 किमी रेल परियोजना को चार खंडों में पूरा किया गया है। हालांकि चौथे और अंतिम खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी कुल 20 किमी का क्षेत्र घाट सेक्शन में आता है। इस रेलमार्ग पर दो बड़ी सुरंग, 28 बड़े पूल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार प्लेन मैदान में रेलमार्ग कार्य को अप्रूव करना आसान होता है, लेकिन घाट सेक्शन में हर कार्य की बारिकी से ही जांच होगी। सीआरएस इस सेक्शन में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी रेलमार्ग को बनाने के बाद सुरक्षा के लिहाज से सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया जाता है। कार्य अगर मानक पर खरे उतरते हैं तो ही सीआरएस उस रेलमार्ग को अप्रूव करता है। रिटर्निंग वॉल को छोडकऱ भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच रेलमार्ग का कार्य नवंबर माह में ही पूरा हो गया था। इसके बावजूद भी सीआरएस ने रेलमार्ग का निरीक्षण नहीं किया। इसके पीछे वजह यही है कि सीआरएस सुरक्षा के लिहाज से हर बिन्दु पर संतुष्ट होना चाहते हैं।
बिलासपुर में हुई अधिकारियों की बैठक
गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारी इस प्रयास में हैं कि सीआरएस द्वारा जनवरी माह में ही निरीक्षण की तिथि जारी कर दी जाए। अधिकारियों का कहना है कि रिटर्निंग वॉल का कार्य 27 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। हालांकि सीआरएस पहले कार्य को पूरा करने की बात कर रहे हैं। इन सभी बिन्दुओं को लेकर गुरुवार को गेज कन्वर्जन विभाग सहित अन्य रेलवे विभाग के अधिकारियों की बैठक बिलासपुर में हुई। बताया जाता है कि अब अधिकारी भी रिटर्निंग वॉल का कार्य पूरा होने के बाद ही सभी विभागों से एनओसी लेकर सीआरएस को निरीक्षण के लिए अप्रोच करेंगे।
गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना के तीन खंड लगभग एक साल पहले ही पूरे कर लिए गए थे। रेलवे ने 10 जनवरी 2018 से छिंदवाड़ा से भंडारकुंड एवं 11 मई 2019 से इतवारी से भिमालगोंदी तक एक ट्रेन का परिचालन शुरु कर औपचारिकता पूरी कर दी। कई बार यात्रियों ने छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक दिन में तीन से चार ट्रेनों की डिमांड की, लेकिन अधिकारी हर बार यही कहते रहे कि छिंदवाड़ा से नागपुर तक रेलमार्ग का कार्य जल्द ही पूरा होने के बाद टे्रनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे में यात्री लगभग दस माह से कार्य पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
छिंदवाड़ा-नागपुर परियोजना की कुल लागत-1420.38 करोड़
परियोजना की लंबाई-149 किमी
स्टेशनों की संख्या-11, हाल्ट स्टेशन की संख्या-14, बड़े पुलों की संख्या-28, छोटे पुलों की संख्या-307, सुरंग की संख्या-दो इनका कहना है…
एके सिंह, डिप्टी सीई, गेज कन्वर्जन विभाग
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