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छिंदवाड़ा

Railway: केलोद से भिमालगोंदी तक विद्युतिकरण कार्य अप्रूव भी हुआ तो भी फंसेगा पेंच

छह माह तक छिंदवाड़ा से नागपुर सीधे इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन का परिचालन नहीं हो पाएगा।

छिंदवाड़ाDec 12, 2019 / 12:22 pm

ashish mishra

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छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा-नागपुर रेल परियोजना में केलोद से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर किए गए विद्युतिकरण कार्यों का निरीक्षण शुक्रवार को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी(सीआरएस) एके राय द्वारा किया जाएगा। हालांकि इस रेलमार्ग पर हुए विद्युतिकरण कार्यों को सीआरएस ने अप्रूव भी कर दिया तो भी अगले छह माह तक छिंदवाड़ा से नागपुर सीधे इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन का परिचालन नहीं हो पाएगा। इसकी वजह यह है कि अभी छिंदवाड़ा-नागपुर रेल परियोजना में घाट सेक्शन भंडारकुंड से भिमालगोंदी कुल 20 किमी रेलमार्ग पर विद्युतिकरण कार्य शुरु नहीं किया गया है। सूत्रों की मानें तो रेल विकास निगम के अधिकारियों का पूरा ध्यान पहले केलोद से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर विद्युतिकरण कार्य पूरा करने में था। अब सीआरएस के निरीक्षण और अप्रूवल के बाद अधिकारी भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर विद्युतिकरण कार्य आरंभ करेंगे। कुल 20 किमी रेलमार्ग पर विद्युतिकरण कार्य पूरा करने में लगभग छह माह का समय लगेगा। जबकि संभवत: जनवरी 2019 तक भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर भी ट्रेन का परिचालन शुरु हो जाएगा। यहां विद्युत कार्य पूरा न होने की वजह से रेलवे विभाग को मजबूरन डीजन इंजन से ट्रेन चलानी होगी।

यह भी विकल्प
दपूमरे नागपुर मंडल के पास भिमालगोंदी या फिर भंडारकुंड में विद्युत इंजन बदलकर भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक डीजल इंजन से ट्रेन का परिचालन करने का भी विकल्प रहेगा। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया से इंजन बदलने में काफी समय लगेगा।

एक खंड में विद्युत इंजन से ट्रेन का परिचालन
छिंदवाड़ा से नागपुर लगभग 149 किमी ब्राडगेज रेल परियोजना में गेज कन्वर्जन विभाग की तरह ही रेल विकास निगम द्वारा रेलवे विद्युतिकरण का कार्य चार खंड में किया जा रहा है। इसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड(35 किमी)रेलमार्ग पर विद्युत इंजन से ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। हालांकि मार्च 2019 में दूसरा खंड इतवारी से केलोद(47 किमी) रेलमार्ग पर विद्युतिकरण कार्य पूरा हो जाने और सीआरएस के अप्रूवल के बाद भी विद्युत इंजन से ट्रेन का परिचालन नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि रेलवे द्वारा इतवारी से पैसेंजर ट्रेन भिमालगोंदी तक चलाई जा रही है। जबकि विद्युत कार्य इतवारी से केलोद तक ही पूरा हुआ था। हालांकि अब 13 दिसंबर को सीआरएस के निरीक्षण और अप्रूवल के बाद रेलवे द्वारा इतवारी से भिमालगोंदी तक विद्युत इंजन से ट्रेन का परिचालन किया जा सकेगा।
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