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छिंदवाड़ा

Ramleela: भीषण युद्ध में श्रीराम के हाथों मारा गया कुम्भकरण

लक्ष्मण के चैतन्य होने की जानकारी प्राप्त होती है।

छिंदवाड़ाOct 15, 2021 / 03:51 pm

ashish mishra

Ramleela: भीषण युद्ध में श्रीराम के हाथों मारा गया कुम्भकरण

Ramleela: भीषण युद्ध में श्रीराम के हाथों मारा गया कुम्भकरण

छिंदवाड़ा. सार्वजनिक श्रीरामलीला मंडल द्वारा छोटी बाजार में आयोजित किए जा रहे श्रीरामलीला के तेहरवें दिन गुरुवार को कुंभकर्ण वध एवं मेघनाद वध की लीला का मंचन किया गया। रावण अपने राज दरबार में विराजित रहता है। तभी उसे लक्ष्मण के चैतन्य होने की जानकारी प्राप्त होती है। रावण विचार करके अपने अनुज कुंभकर्ण को जाग्रत करता है। कुंभकर्ण अपने महल में छह मास की नींद में सोया रहता है। कुंभकर्ण के जागने के पश्चात रावण उसे पूरी स्थिति से अवगत कराता है। कुम्भकर्ण रावण को नीति उपदेश देकर जानकी को वापस श्रीराम को सौपने को कहता है परंतु रावण उसकी एक नहीं सुनता और युद्ध के लिए भेज देता है। इधर राम दल के शिविर में सूचना प्राप्त होती है कि कुम्भकर्ण युद्ध मैदान में राम दल को भयंकर क्षति पहुंचा रहा है। तब भगवान श्रीराम युद्ध के लिए आते हैं, कुम्भकर्ण और श्रीराम में भीषण युद्ध होता है। श्रीराम द्वारा कुम्भकर्ण का वध किया जाता है। रावण द्वारा मेघनाद को बुलाया गया एवं युद्ध हेतु आदेशित किया गया। युद्ध में जाने से पूर्व मेघनाद अपनी विजय को सुनिश्चित करने के लिए यज्ञ करता है परंतु उस यज्ञ को लक्ष्मण के नेतृत्व में वानर सेना नष्ट कर देती है। इस तरह पुन: लक्ष्मण एवं मेघनाद के बीच भीषण युद्ध प्रारंभ हो जाता है। मेघनाद युद्ध में अद्वितीय पराक्रम दिखाता है परन्तु अपनी दृढ़ इच्छा, व्रत एवं वीरता के बल पर लक्ष्मण मेघनाद का वध कर देते हैं। श्रीराम सम्मान के साथ मेघनाद के शव को लंका को सौंप देते हैं। तेहरवें दिवस में राम भोग की विशेष सेवा मण्डल संरक्षक राजू चारणागर, रवि प्रकाश शुक्ला एवं परीक्षित जैन प्रसंग जैन द्वारा की गई।

आज होगा रावण का पुतला दहन
असत्य पर सत्य की जीत के लिए श्री राम अपने अनुज लक्ष्मण एवं हनुमान के साथ छोटी बाजार श्री रामलीला रंगमंच से दोपहर तीन बजे दशहरा मैदान के लिए प्रस्थान करेंगे एवं शाम बजे प्रतीकात्मक शोभायात्रा दशहरा मैदान पर पहुंचेगी। परंपरा अनुसार रावण पुतले का दहन श्री रामचंद्र के द्वारा गोधूलि बेला पर शाम 6.30 बजे किया जाएगा। इसके पश्चात आतिशबाजी की जाएगी। रावण पुतले की ऊंचाई 21 फीट होगी। रावण पुतला दहन के पश्चात शोभायात्रा रात 8 बजे स्थानीय छोटे बाजार रंगमंच पर पहुंचेगी एवं 9 बजे से अहिरावण वध, रावण वध एवं राम राज्य तिलक की लीला का मंचन किया जाएगा।

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