दरअसल, भाजपा के पूर्व विधायक रमेश दुबे गणतंत्र दिवस के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को शरण दी है। तभी एक आदमी मंच पर पहुंचा और कहा कि एसडीएम मैडम का कहना है कि आप इस विषय में नहीं बोलें। इसके बाद पूर्व विधायक ने मंच से ही कहा कि मुझे बोलने से रोका जा रहा है। इस दौरान एसडीएम मेघा शर्मा और पूर्व विधायक के बीच बातचीत भी हुई। लेकिन विधायक ने अपनी बात पूरी की और फिर मंच से नीचे उतर आए।
पूर्व विधायक रमेश दुबे ने मंच से कहा- ये भारत का अधिनियम है मैडम और अधिनियम के संबंध में बोलने से रोकने का संदेश आप मुझे नहीं दे सकती हैं। उसके बाद पूर्व विधायक ने कहा कि मुझे बोलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए मैं आप सबको गणतंत्र दिवस की बधाई देकर अपनी बात खत्म कर रहा हूं। मीडिया से बात करते हुए पूर्व विधायक ने कहा- मैं नागरिकता संशोधन कानून के बारे में उल्लेख कर रहा था। तभी मुझे बोलने से रोक दिया गया। मैडम से सवाल करते हुए पूर्व विधायक ने कहा- मैडम आप मुझे बोलने से कैसे रोक सकती हैं। ये भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बना एक कानून है और इस कानून के बारे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस विषय में मैंने इसलिए बोला की इसमें जनजागरण की जरूरत है।
पूर्व विधायक ने कहा कि मैडम ने कहा कि ये विषय विवादित है इसलिए इसमें बोलने की जरूरत नहीं है।