पिछले साल यह थी स्थिति
पिछले साल 2023 में गेहूं किसानों का पंजीयन 34246 था। इनमें 5708 किसानों ने 497220 क्विंटल गेहूं बेचा था। शेष किसानों ने बाजार का रास्ता चुना था। पिछले साल भी गेहूं के भाव समर्थन मूल्य से अधिक थे।
लगातार दो साल से बढ़ रहे गेहूं के दाम
दो साल पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कमी के चलते गेहूं के दामों में तेजी आई थी। तब राशन दुकानों में गेहूं के आवंटन में कटौती की गई थी। इससे गरीब और जरूरतमंद भी बाजार पर आश्रित हो गए थे। तब से ही वर्तमान तक यह स्थिति बनी हुई है। इसका प्रभाव वर्ष 2023 में भी रहा। वर्ष 2024 में भी बाजार में गेहूं की ऊंची कीमतें सरकारी कोटा में स्टॉक आने से रोक रही है।
इनका कहना है
सरकारी खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर अभी तक 1.26 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई है। इनमें 1.12 लाख क्विंटल गेहूं का परिवहन किया जा चुका है।