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छिंदवाड़ा

गेहूं खरीदी की धीमी रफ्तार, सरकारी कोटा में केवल 1.26 लाख क्विंटल

– 38 हजार किसानों ने किया था पंजीयन
– अभी तक 1294 ही खरीदी केंद्रों पर पहुंचे

छिंदवाड़ाApr 28, 2024 / 01:19 pm

prabha shankar

wheat procurement

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छिंदवाड़ा। शादी-ब्याह में व्यस्तता या फिर बाजार भाव में तेजी की वजह से किसानों की रुचि सरकारी कोटा में गेहूं देने की कम दिखाई दे रही है। एक अप्रेल से शुरू सरकारी खरीदी में अब तक केवल 1.26 लाख क्विंटल गेहूं खरीदी केंद्रों पर पहुंच पाया है। आगे 15 दिन शेष हैं। अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि गेहूं खरीदी दो लाख क्विंटल पार कर जाएगी।
देखा जाए तो इस रबी विपणन वर्ष 2024-25 में 38962 किसानों ने पंजीयन कराया था। केंद्र सरकार की ओर समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल था। इस पर राज्य सरकार 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दे रही है। इस तरह सरकारी खरीदी केन्द्रों पर किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल का भाव सुनिश्चित किया गया है।
खरीदी के इस एक माह में अब तक 1294 किसान ही खरीदी केंद्र पहुंच पाए। यह संख्या पंजीयन का दस फीसदी भी नहीं है। ये आंकड़े किसानों के सरकारी कोटा के प्रति उदासीनता दिखाते हैं।

पिछले साल यह थी स्थिति


पिछले साल 2023 में गेहूं किसानों का पंजीयन 34246 था। इनमें 5708 किसानों ने 497220 क्विंटल गेहूं बेचा था। शेष किसानों ने बाजार का रास्ता चुना था। पिछले साल भी गेहूं के भाव समर्थन मूल्य से अधिक थे।

लगातार दो साल से बढ़ रहे गेहूं के दाम


दो साल पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कमी के चलते गेहूं के दामों में तेजी आई थी। तब राशन दुकानों में गेहूं के आवंटन में कटौती की गई थी। इससे गरीब और जरूरतमंद भी बाजार पर आश्रित हो गए थे। तब से ही वर्तमान तक यह स्थिति बनी हुई है। इसका प्रभाव वर्ष 2023 में भी रहा। वर्ष 2024 में भी बाजार में गेहूं की ऊंची कीमतें सरकारी कोटा में स्टॉक आने से रोक रही है।

इनका कहना है


सरकारी खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर अभी तक 1.26 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई है। इनमें 1.12 लाख क्विंटल गेहूं का परिवहन किया जा चुका है।

अंजू मरावी, सहायक आपूर्ति अधिकारी
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