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छिंदवाड़ा

Sports: देश में और भी कई मीराबाई चानू, प्रोत्साहन और सुविधाओं की जरूरत

ओलंपिक में देश को पहला मेडल दिलाने पर आकांक्षा गदगद हो गई।

छिंदवाड़ाJul 25, 2021 / 01:15 pm

ashish mishra

Sports: देश में और भी कई मीराबाई चानू, प्रोत्साहन और सुविधाओं की जरूरत

Sports: देश में और भी कई मीराबाई चानू, प्रोत्साहन और सुविधाओं की जरूरत


छिंदवाड़ा. वेटलिफ्टिंग खेल तपस्या वाला खेल है। प्रेक्टिस जितना करोगे, लोहा उतना साथ देगा। यह कहना है नेशनल वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी रही आकांक्षा कमाले का। शनिवार को भारतीय खिलाड़ी वेटलिफ्टर मीराबाई चानू द्वारा टोक्यो ओलंपिक में देश को पहला मेडल दिलाने पर आकांक्षा गदगद हो गई। आकांक्षा ने ‘पत्रिका’ से अपनी भावनाएं शेयर की। कहा कि यह देश के हर खिलाड़ी को गौरवान्वित करने वाला क्षण है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई मीराबाई चानू हैं। बस उन्हें जरूरत है सुविधाओं की। आकांक्षा ने बताया कि वेटलिफ्टिंग खेल डाइट बहुत मांगती है, लेकिन हमारे यहां खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए न ही सुविधाएं दी जाती हैं और न ही उनकी डाइट पर पैसा खर्च किया जाता है। छिंदवाड़ा के कुकड़ा जगत निवासी आकांक्षा जीआरपी में पदस्थ हैं। आकांक्षा ने बताया कि छिंदवाड़ा में सुविधाएं सीमित हैं। खिलाडिय़ों के लिए प्रेक्टिस तक की जगह नहीं है। उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह खुद को तैयार कर सकें। यही वजह है कि अपने यहां प्रतिभाएं होते हुए भी वह आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।
पापा की इच्छा को बनाया सपना
आकांक्षा ने बताया यह खेल उनके पापा बहुत पसंद करते थे। उनकी इच्छा थी कि मैं यह खेल खेलूं। पापा ने मुझे वर्ष 2000 में टीवी पर पूरा ओलंपिक खेल देखने को कहा। मैं उस समय कक्षा 8वीं में पढ़ रही थी। वर्ष 2003 में पापा का देहांत हो गया। पापा की इच्छी को मैंने अपना सपना बनाया और फिर वेटलिफ्टिंग खेल में दिलचस्पी लेने लगी। एक साल में अंडर-16 प्रतियोगिता में एमपी को सात साल बाद वेटलिफ्टिंग खेल में गोल्ड मेडल दिलाया। इसके पश्चात आकांक्षा का चयन साईं हास्टल लखनऊ में हो गया। उन्होंने वहां वेटलिफ्टिंग खेल के गुर सीखे। वर्ष 2008 में पंजाब में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में ब्राउंज मेडल जीता। उन्होंने इस बीच नेशनल लेबल के कई मेडल जीते। आकांक्षा कहती हैं कि उस समय मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं अपनी डाइट मेंटेन कर सकूं। मैंने पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर ली। अगर मुझे सुविधाएं मिली होती तो पुलिस ज्वाइन न करके खेल पर ही ध्यान केन्द्रित करती।
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