ऐसा नहीं है कि उक्त कार्यशाला के लिए शासन ने बजट में कमी की हो, लेकिन कमिशन और भ्रष्टाचार की वजह से उक्त हालात निर्मित हुए। व्यवस्था को लेकर आक्रोशित शिक्षकों ने बताया कि विभाग द्वारा भोजन व्यवस्था को गंभीरता से नहीं लिया गया तथा शासन के पैसों को गोलमाल करने की नीयत से ऐसे हालाल निर्मित हुए। शिक्षकों ने बताया कि जब शिक्षकों की संख्या तथा बजट तय था तो पर्याप्त भोजन तैयार क्यों नहीं किया गया।
दक्षता उन्नयन के लिए चल रही रेमेडियल क्लास – हाई तथा हायर सेकंडरी स्कूलों में अध्ययनरत ऐसे बच्चे जिनका शैक्षणिक स्तर कमजोर है, उनकी दक्षता उन्नयन के लिए शासन हर स्कूल में रेमेडियल क्लास के माध्यम से बच्चों को अतिरिक्त अध्यापन करा रही है। 5 अक्टूर 2019 से शुरू हुई रेमेडियल क्लास जनवरी 2020 तक जारी रहेगी। बताया जाता है कि कार्यशाला में जिले के समस्त विकासखंड के प्रत्येक स्कूल से एक-एक करीब 1200 शिक्षक तथा प्रत्येक विषय के छह-छह मास्टर टे्रनर शामिल हुए थे।
वरिष्ठ अधिकारियों को दी है सूचना – भोजन बनाने का ठेका दिया गया था, लेकिन ठेकेदार द्वारा पर्याप्त मात्रा में भोजन तैयार नहीं किया गया। इसकी वजह से सभी शिक्षकों को भोजन नहीं मिला है, जिसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई है। संबंधित ठेकेदार के खिलाफ जो भी कार्रवाई होगी डीइओ ही तय करेंगे।
– राजीव साठे, एडीपीसी छिंदवाड़ा