मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग उप सचिव प्रमोद सिंह के निर्देशानुसार निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत आवश्यकता होने पर शाला को बंद या प्रारंभ करने के लिए कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को प्रेषित किया जाएगा, जिसके आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र उक्त संबंध में निर्णय लेगा।
जिला शिक्षा केंद्र छिंदवाड़ा से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में उक्त संदर्भ में जिला इकाई समिति द्वारा निर्णय लिया जाता था तथा समिति द्वारा लिए गए निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए कलेक्टर को प्रस्तुत किया जाता था।
32 प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का निर्णय लंबित –
जिला शिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाले 32 प्राथमिक स्कूलों में दर्ज संख्या शून्य रहने से विभाग ने संबंधित स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव जिला इकाई समिति के पास भेजा था। फिलहाल इसके लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आरटीइ के तहत 26 मार्च 2011 में पड़ोस की सीमा में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों का निर्धारण करते हुए प्रदेश में लगभग 3350 स्कूलों को बंद या मर्ज करने की कार्रवाई की गई, लेकिन जिलास्तर से नवीन संस्थाओं को प्रारंभ या बंद करने की कार्रवाई राज्यस्तर पर लंबित रहने तथा पोर्टल पर अपडेट नहीं करने से कई समस्या बनी रहती है। इसके चलते विभाग ने उक्त निर्णय लिया है।