गेट नंबर एक पर स्थित पुरानी इमारत जिसमें पहले ओपीडी संचालित होती थी वहां पर दो छोटे कमरों में रिकार्ड रूम संचालित हो रहा है, इन कमरों में रिकार्ड इतनी अव्यवस्थित तरीके से रखा है जिसे नुकसान पहुंच सकता है। कमरें में ना ही कोई रैक है ना ही किसी एक स्थान पर व्यवथित इन रिकार्ड का रखा गया है। रिकार्ड रूम के लिए व्यवस्थित तरीके से बड़े हॉल की आवश्यकता है लेकिन प्रबंधन इस ओर जमकर लापरवाही बरत रहा है।
- जिला अस्पताल के वार्डों का रिकार्ड
जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद वहां से रिकार्ड इसी रिकार्ड रूम में रखा जाता है। पुलिस केस के दौरान इस रिकार्ड रूम से पुलिस रिकार्ड से पूरी जानकारी लेती है तथा आगे की कार्रवाई करती है। इसके साथ ही जिन लोगों का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में होता है उनकी पीएम रिपोर्ट पुलिस इसी रिकार्ड रूम से प्राप्त करती है। - बारिश में होगा रिकार्ड को नुकसान
वर्तमान में पुरानी इमारत में रिकार्ड रूम संचालित हो रहा है यह भवन काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गया है, तेज बारिश में स्टोर में पानी घुस जाता है ऐसे में इस बारिश के पहले अगर स्टोर को व्यवस्थित नहीं किया गया तो रिकार्ड को नुकसान हो सकता है। लंबे समय से एक व्यवस्थित बड़े कमरों की मांग की जाती रही है लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं देता है वर्तमान में रिकार्ड रूम के समीप पुरानी ओपीडी पर्ची काउंटर के कई कमरे खाली है पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। - 10 वर्ष का रिकार्ड रखना है अनिवार्य
नियमों की बात की जाए तो सुरक्षित तरीके से पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड रखना आवश्यक होता है। वर्तमान में जिला अस्पताल के स्टोर में पिछले चार वर्ष 2020 से 2024 तक का रिकार्ड रखा है जबकि ट्रामा वार्ड में एक कमरे में 2015 से 2020 तक का रिकार्ड रखा है। वर्तमान में जहां पर रिकार्ड रखा जा रहा है वहां रिकार्ड के अलावा सिर्फ आने जाने की रास्ता है। दो छोटे-छोटे कमरे में यहां वहां ढेर लगा दिए गए है। - इनका कहना है।
रिकार्ड रूम को भी व्यवस्थित करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है, रैक बनवाएं जा रहे है जिससे रिकार्ड को व्यवस्थित तरीके से रखा जा सके।
डॉ एमके सोनिया, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, छिंदवाड़ा।