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छिंदवाड़ा

Weather: जनवरी माह में ही यहां बढऩे लगा दिन और रात का तापमान, वैज्ञानिक बता रहे यह वजह

इस वजह से लोगों को गर्मी का एहसास हुआ।

छिंदवाड़ाJan 31, 2024 / 12:03 pm

ashish mishra

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छिंदवाड़ा. पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। दिन-रात का तापमान बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 27.2 डिसे एवं न्यूनतम तापमान 11 डिसे रिकॉर्ड किया गया। जबकि सोमवार को न्यूनतम तापमान 9.2 डिसे रिकॉर्ड किया गया था। इससे पहले मंगलवार को सुबह से ही मौसम खुला रहा। पूरे दिन तेज धूप रही। इस वजह से लोगों को गर्मी का एहसास हुआ। मौसम विभाग ने आगामी 31 जनवरी से 4 फरवरी तक मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। इस दौरान मध्यम से साफ बादल रहने एवं वर्षा नहीं होने की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान 27-28 डिग्री सेन्टीग्रेट एवं न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री. सेन्टीग्रेट के मध्य रहने की संभावना है। अधिकतम सापेक्षित आद्र्रता 81-87 प्रतिशत एवं न्यूनतम सापेक्षित आद्र्रता 50-60 प्रतिशत रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में हवा पूर्व, पश्चिम एवं उत्तर दिशाओ में बहने एवं 07-12 किमी प्रति घंटे की गति से चलने की संभावना है। मौसम को देखते हुए किसानों को फसलों के रखरखाव को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। गेहूं की फसल में कुछ स्थानों पर रतुआ रोग दिखाई दे रहा है। ऐसे में किसानों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पूर्व में बोई गई गेहूं की फसल में विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं में सिंचाई करने तथा सिंचाई के बाद शेष बची यूरिया का छिडक़ाव करने की सलाह दी गई है। गेहूं की पूर्ण सिंचित समय से बुबाई वाली किस्मों में 20-20 दिनों के अंतराल पर 4-5 सिंचाई करने की सलाह दी गई है। गेहूं के खेत में पर्याप्त नमी उपलब्ध हो तो खेत में यूरिया का छिडक़ाव करें।
चूहों की रोकथाम के लिए करें दवा का छिडक़ाव
कृषि अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने चूहों की रोकथाम को लेकर भी सलाह दी है। गेहूं की फसल में चूहों कि रोकथाम करने के लिए जिंक फास्फाइड दवा को कोई भी खाद्य पदार्थ में अच्छी प्रकार से मिला कर तथा इसे खेतों में जहां पर चूहे आते हैं वहां डाल दें और 3-4 दिनों तक पानी न दें। विशयुक्त दवा खाकर चूहों को प्यास लगती है।
50 प्रतिशत फली आने के बाद करें दूसरी सिंचाई
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि चने की फसल में फूल आना प्रारंभ हो गए हैं, इस स्थिति में सिंचाई न करें, इससे फूल झडऩे की समस्या उत्पन्न हो सकती है। सिंचाई की आवश्यकता प्रतीत होती है तो 50 प्रतिशत फली बनने की अवस्था के बाद दूसरी सिंचाई करें। कई जगह चने की फसल में फूल आना एवं फली बनना प्रारंभ हो गए हैं, फली बनने के समय फली छेदक कीट के आक्रमण की ज्यादा संभावना होती है। ऐसे में किसानों को फसल की निगरानी की सलाह दी गई है और यदि कीट दिखाई दे तो रोकथाम हेतु दवा का छिडक़ाव करने को कहा गया है।

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