दरअसल सड़कों पर भीख मांगने वाले संतोष साहू को उनकी पत्नी ने एक-एक रुपया जोड़कर 90 हजार की मोपेड खरीदकर उपहार में दी, जैसे ही पति-पत्नी मोपेड लेकर आए, उन्होंने उसे दुल्हन की तरह सजाया और पूजा कर उससे ही अब भीख मांगने जाते हैं, भिखारी की पत्नी ने बताया कि पहले वे ट्रायसिकल से जाते थे, तो काफी परेशानी होती थी, मुझे पीछे से साइकल को धक्का देना पड़ता था, सीधे रास्तों पर तो कोई दिक्कत नहीं होती थी, लेकिन जहां भी घाटी जैसा रास्ता होता था, वहां धक्का देने में सांस फूल जाती थी, चूंकि अब उम्र के हिसाब से इतना नहीं बनता है, इस कारण दिन रात एक-एक रुपया जोड़कर मोपेड लाए हैं, अब दोनों आराम से बैठकर जाते हैं।
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दिव्यांग है संतोष, पत्नी करती है हर संभव मदद
आपको बतादें कि ये दोनों पति-पत्नी भले ही आर्थिक रूप से कमजोर हैं, भीख मांगकर अपना गुजारा करते हैं, लेकिन दोनों में काफी प्रेम है, ये दोनों अक्सर साथ रहते हैं, उनकी पत्नी हमेशा पति का हर काम में साथ देती है। पत्नी का नाम मुन्नीबाई है उन्होंने बताया कि रोजाना 200-400 रुपए मिल जाते हैं, इसी के साथ ही लोगों द्वारा खाने का सामान भी दे दिया जाता है, जिससे गुजारा चल रहा है, उन्होंने बताया कि ट्रायसिकल के कारण काफी परेशानी होती थी, इस कारण पिछले चार सालों से मोपेड खरीदने का मन बना लिया था, इसके बाद पैसे जोडऩे लगे तो अब जाकर ये सपना पूरा हुआ है।