घर घर धार्मिक सामग्रियों को एकत्र करने का अभियान
अपने इस अनोखे प्रयास के तहत बुंदेली सेना ने घर घर जाकर धार्मिक सामग्रियों के एकत्रीकरण का कार्य शुरू किया है। देवी देवताओं की पुरानी मूर्तियां शादी विवाह के कार्ड पूजा पाठ की पुरानी व् अनुपयोगी सामग्रियां, फूल माला आदि को कार्यकर्ताओं द्वारा एकत्र किया जा रहा है. इसके आलावा लोगों को जागरूक करते हुए उनसे अपील की जा रही है कि धार्मिक सामग्रियों को न तो सड़कों पर न तो कूड़े करकट की जगहों पर और सबसे महत्वपूर्ण मंदाकिनी में तो बिल्कुल न फेंके और न प्रवाहित करें। इससे भी नदी को काफी प्रदूषण झेलना पड़ता है. कार्यकर्ता घर घर गली मोहल्लों में पहुंचकर अपना फोन नम्बर भी लोगों को दे रहे हैं कि यदि घर में ज्यादा मात्रा में धार्मिक सामग्रियां शादी के कार्ड वैगरह एकत्र हों तो उन्हें सूचित करें बुंदेली सेना उन्हें एकत्र करेगी।
किया जाएगा भू विसर्जन
अभियान को लेकर बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि एकत्र की गई सामग्रियों का भू विसर्जन किया जाएगा। हर साल काफी बड़ी मात्रा में सिर्फ शादी के कार्ड आदि लोग नदी में फेंक देते हैं इसके आलावा पूजन सामग्रियां जो उपयोग में नहीं रहती फूल माला देवी देवताओं आदि की तस्वीरें मूर्तियां आदि भी बड़ी मात्रा में नदी में फेंकी और प्रवाहित की जाती है। जिससे इस वजह से भी काफी हद नदी प्रदूषित हुई है और होती है। सेना के जिलाध्यक्ष का कहना है कि लोगों का सहयोग तो प्राप्त हो रहा है लेकिन हम उन्हें जागरूक भी कर रहे हैं यदि अपनी जीवनदायिनी को बचाना है तो खुद सबसे पहले आगे आकर पहल करनी होगी और नदी को प्रदूषण से बचाना होगा।
सिर्फ वादों और बातों तक ही रह गए ज़िम्मेदार
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बुन्देलखण्ड के प्रमुख चुनावी मुद्दों में इस इलाके की पहचान और जीवनदायिनी नदियां केन और मंदाकिनी भी थी और इन जीवनरेखाओं को बचाने प्रदूषणमुक्त करने के बड़े बड़े वादे व बातें की गई थीं। खासतौर पर वर्तमान समय में सत्ता पर काबिज भाजपा द्वारा, लेकिन तब के हुंकार और अब के तिरस्कार के चलते इन दोनों नदियों की सूरत व सीरत बिगड़ती चली गई। अलबत्ता सिर्फ कागजों व् घोषणाओं तक ही पुण्य सलीलाओं को बचाने की मुहीम सिमटी रह गई।