खरीफ के क्लेम को मुंह ताक रहे जिले के 38 हजार किसान
जिले के किसानों पर हर तरफ से मार पड़ रही है। कभी घटिया खाद-बीज का दंश तो कभी अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों की तबाही तो कभी कीट व्याधियों से फसलों में नुकसान। उपज के पूरे दाम नहीं मिलने की समस्या बरसों से चली आ रही है। अब करोड़ों की प्रीमियम राशि जमा करवाने के बाद भी जिले के करीब ३८ हजार किसान बीमा क्लेम की राशि को लेकर मुंह ताक रहे हैं।
खरीफ के क्लेम को मुंह ताक रहे जिले के 38 हजार किसान
चित्तौडग़ढ़
प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से किसानों को फसल में नुकसान का दंश नहीं झेलना पड़े, इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई। योजना शुरू होने के बाद लाखों की संख्या में किसान प्रीमियम जमा करवाकर खरीफ और रबी की फसल का बीमा करवाते रहे हैं, लेकिन नुकसान के आकलन का तरीका किसान हित में नहीं होने के कारण कई किसान फसल में खराबा होने के बावजूद क्लेम प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। खरीफ २०१९ में जिले के १ लाख ४९ हजार ४७८ किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवाया था। बाद में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों में भारी खराबा हुआ। किसानों ने फसल में हुए नुकसान को लेकर क्लेम भी कर दिए, लेकिन इनमें से अब तक १ लाख १० हजार ८७४ किसानों को ही करीब १८२ करोड़ रूपए की क्लेम राशि का भुगतान किया गया है। जिले में ३८ हजार ६०४ बीमित किसान आज भी ऐसे है, जिन्हें अब तक क्लेम राशि का भुगतान नहीं किया गया है या फिर उनकी क्लेम राशि अटकी हुई है। ये किसान आए दिन सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं। खरीफ २०१९ में जिले के किसानों ने ९.५८ करोड़ रूपए की प्रीमियम राशि जमा करवाई थी। इसके अलावा रबी २०१९-२० में जिले के १ लाख ४८ हजार ८६८ किसानों ने फसल बीमा के लिए ९.२० करोड़ रूपए का भुगतान किया था। इसको लेकर अब तक क्लेम की कार्रवाई शुरू ही नहीं हुई है।