scriptबीच रण से घर लौट गए आयुष योद्धा | Ayush warrior returned home from beach battle | Patrika News
चित्तौड़गढ़

बीच रण से घर लौट गए आयुष योद्धा

कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश भर में मोर्चा संभाल रहे ऐलोपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति अवधि तो सरकार ने बढा दी, लेकिन यूनानी व आयुर्वेद चिकित्सकों को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया। यही वजह रही कि प्रदेश में करीब साठ आयुष योद्धा बीच रण से ही ३१ मार्च को घर लौट गए।

चित्तौड़गढ़Apr 08, 2020 / 02:37 pm

jitender saran

बीच रण से घर लौट गए आयुष योद्धा

बीच रण से घर लौट गए आयुष योद्धा

चित्तौडग़ढ़
राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से जंग लडऩे के लिए प्रदेश के सभी आयुष चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों को मैदान में उतार रखा है, जिनसे स्क्रीनिंग और सर्वे सहित अन्य कार्य करवाए जा रहे हैं। हाल ही सरकार ने ऐलोपैथिक चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों की सेवानिवृत्ति अवधि में एक से छह माह की बढोतरी की है। उनका पचास लाख का बीमा भी करवाया गया है और प्रोत्साहन राशि की भी घोषणा की गई है। जबकि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मचारियों के लिए सरकार ने अब तक न तो सेवानिवृत्ति अवधि बढाई है। न उनका बीमा करवाया गया है और न ही उनके लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की गई है। यही वजह है कि राज्य के करीब साठ आयुष चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी सेवानिवृत्त होकर कोरोना से जंग छोड़कर घरों को चले गए।
राजस्थान आयुष नर्सेज महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष छीतरमल सैनी का कहना है कि मेडिकल विभाग के सभी कर्मचारियों का पचास लाख रूपए तक का बीमा रिस्क कवर करने के लिए करवाया जा रहा है। जबकि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कर्मियों को इससे वंचित रखा गया है। अगले दो माह में करीब साढे चार सौ आयुष चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जबकि डब्ल्यू एच ओ करोना को माहामारी घोषित कर चुका है। ऐलोपैथी से जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है। जबकि आयुष कर्मियों को इससे भी वंचित कर दिया गया है। जबकि प्रदेश में दो हजार से अधिक आयुष चिकित्सकों व नर्सिंग कर्मियों ने भी मोर्चा संभाल रखा है। जिन्हें गांव-गांव स्क्रीनिंग व सर्वे के लिए भेजा जा रहा है।
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