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चित्तौड़गढ़

किसने भरी हुंकार की जो करेंगा उनकी बात उसे ही मिलेगा वोट का साथ

श्रीराजपूत करणी सेना के १२वें स्थापना दिवस पर रविवार को चित्तौडग़ढ़ के इंदिरा गांधी स्टेडियम में जौहर स्वाभिमान सम्मेलन हुआ।

चित्तौड़गढ़Sep 23, 2018 / 11:03 pm

Nilesh Kumar Kathed

chittorgarh

किसने भरी हुंकार की जो करेंगा उनकी बात उसे ही मिलेगा वोट का साथ


चित्तौडग़ढ़. श्रीराजपूत करणी सेना के १२वें स्थापना दिवस पर रविवार को चित्तौडग़ढ़ के इंदिरा गांधी स्टेडियम में जौहर स्वाभिमान सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से क्षत्रिय समाज के हजारों लोग पहुंचे। तेज बारिश के बीच करीब तीन घंटे तक चले सम्मेलन में मुख्य रूप से आरक्षण व्यवस्था , एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन और पद्मावत फिल्म विवाद का मुद्दा ही छाया रहा। हुंकार भरी गई कि जो राजपूत समाज की बात नहीं करेगा वो राजस्थान और देश पर राज नहीं करेगा। करणी सेना के संस्थापक व संरक्षक लोकेन्द्रसिंह कालवी ने कहा कि आगामी चुनाव में अभी हम किसी दल के साथ में नहीं है। हमारा वोट उसी को मिलेगा जो हमारी बात करेगा। उन्होंने कहा कि संगठन २१ अक्टूबर को जयपुर में बड़़ी रैली करने जा रहा है। तब तक हमारी बात नहीं सुनी जाती है तो वहां कोई बड़ा राजनीतिक फैसला भी लिया जा सकता है। कालवी ने इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर का बताते हुए कहा कि समाज को अब दिल्ली चलने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। समाज ने जो मुद्दें उठाए है उन पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो दिल्ली में १० मार्च २०१९ को १९ लाख लोगों की रैली की जाएगी। उन्होंने बताया कि चित्तौड़ के बाद ३० सितम्बर को भूपाल में करणी सेना रैली कर इन मुद्दों को उठाने वाली है। कालवी ने एक दिन पहले शनिवार पचपदरा रैली में कमल का फूल मेरी भूल बता भाजपा छोडऩे का ऐलान करने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह के पुत्र शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह का नाम लिए बिना कहा कि न तो मैं ये कहूंगा की हमारी भूल कमल का फूल और न ही ये कहूंगा कि अब हमारा हाथ कांग्रेस के साथ। जो हमारे साथ है हम उसके साथ है। जो ऐसा नहीं करेगा उसे राजनीतिक तौर पर सबक सिखाया जाएगा।
कालवी व श्रीराजपूत करणी सेना के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष महिपालसिंह मकराना ने फिल्म पद्मावत रिलीज के समय जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी के अलावा ऐसा कोई नहीं था जो खुलकर फिल्म के विरोध में सामने आता। सम्मेलन को पूर्व विधायक प्रदीपकुमार सिंह, राजपूत महासभा के गिरिराजसिंह लोटवाड़ा, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष लक्खीराज सिंह झाला, करणी सेना के प्रदेश महासचिव विश्वबंधुसिंह राठौड़, युगप्रदीप सिंह, कमलेन्द्रसिंह हाड़ा, तेजपालसिंह शक्तावत, नारायणसिंह दिवराला,दिलीप सिंह, संगठन के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह भाटी, करणी सेना की मध्यप्रदेश महिला अध्यक्ष उर्मिला तोमर, जौहर क्षेत्राणी मंच व करणी सेना की जिलाध्यक्ष निर्र्मला कंवर सहित करणी सेना के विभिन्न जिलों के जिलाध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया। संचालन शक्तिसिंह बांदीकुई व अनिता राठौड़ ने किया।
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जहां तक नजर जाए छाते ही छाते
सम्मेलन अवधि में कुछ मिनट छोड़ लगातार तेज बारिश होने के बाद भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। सम्मेलन स्थल पर बैठने के कुर्सियां थी लेकिन मंच से लेकर पांडाल तक कहीं भी टेंट नहीं लगाने से पूरे समय लोग भीगते रहे। भीगने वालों में बुर्जुगों से लेकर महिलाएं व बच्चें भी थे। कुर्सी पर बैठे कई लोग बारिश से बचाव के लिए छाता लगाए रहे। ऐसे में सम्मेलन स्थल पर खुल जाने से जहां तक नजर जाए छाते ही छाते नजर आ रहे थे। मंच से संचालक व अन्य पदाधिकारी बारिश को इन्द्रदेव का साथ बता लोगों को वहां बैठे रहने के लिए प्रेरित करते रहे।
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बार-बार याद दिलाते रहे अनुशासन
पूरे सम्मेलन कके दौरान पुलिस का विशेष दखल नहीं रहा। कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से पुलिस बल तैनात जरूर रहा लेकिन मंच से लेकर श्रोताओं के बैठने तक की सारी व्यवस्था करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने ही संभाले रखी। जब भी भीड़ अनियंत्रित होती दिखी मंच से बार-बार अनुशासन की याद दिला बैठने के लिए कहा गया।
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बेटियों ने दिखाए तलवारबाजी के करतब
मंच पर क्षत्रिय समाज की बेटियों ने तलवारे हाथ में लेकर जयभवानी गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। बारिश के बीच तलवारबाजी के करतबों के दौरान हर तरफ जय भवानी-जय क्षत्राणी का उद्घोष होता रहा।
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याद दिलाते रहे किले पर मत जाना
गणपति विसर्जन पर्व के चलते प्रशासन ने इस कार्यक्रम में आने वाली भीड़ को दुर्ग पर नहीं जाने देने के लिए आयोजकों को पाबंद किया था। इसके चलते करणी सेना संरक्षक कालवी, अध्यक्ष मकराना आदि ने बार-बार याद दिलाया कि हमे चित्तौड़ की भूमि को नमन करना है उसकी मिट्टी को साथ ले जाना है लेकिन आज दुर्ग पर नहीं जाना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हमे सहयोग कर रहा है तो हमे भी अनुशासित होकर सहयोग करना है।
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सांसद जोशी की होती रही तारीफ
कार्यक्रम के दौरान फिल्म पद्मावत विवाद का मुद्दा छाया रहा। इस दौरान जनप्रतिनिधि के रूप में केवल सांसद सीपी जोशी की ही तारीफ होती रही जिन्होंने ये मुद्दा प्रमुखता से उठाया। वक्ताओं ने कहा कि समाज के जनप्रतिनिधि तो कई थे लेकिन संसद में खुलकर बोलने वाले केवल जोशी ही रहे।
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पुलिस पहुंची मंच पर तो हलचल
मंंच पर दोपहर करीब १.३० बजे उस समय हलचल मच गई जब कोतवाली प्रभारी भारत सिंह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंच गए। सिंह ने कालवी से कुछ बात की। पता चला कि उन्हें सभा के तय समय के बारे में स्मरण कराया गया कि उस सीमा में समाप्त करना है। इसके बाद कई वक्ताओं को बोलने का समय नहीं मिला और शेष रहे वक्ताओं ने भी जल्दी से बात पूरी की और दोपहर करीब ३ बजे सम्मेलन समाप्त कर दिया गया। ……….
गूंजते रहे नारे
जौहर स्वाभिमान सम्मेलन में पूरे समय नारे गूंजते रहे। करणी सेना के वास्ते, खाली कर दो रास्ते, जय क्षत्राणी जय भवानी, वंदेमातरम, करणी माता की जय, एकलिंगनाथ की जय हर तरफ मंच से लेकर पांडाल तक हर तरफ भगवा ध्वज लहराते रहे।
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सम्मेलन में ये बाते भी उठी प्रमुखता से
– आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा हो और आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले। दलित वर्ग में आरक्षण में क्रीमीलेयर सिद्धान्त लागू हो।
– एससी-एसटी एक्ट में जो संशोधन किए गए वे निरस्त हो और जांच के बाद ही किसी को गिरफ्तार किया जाए।
– समाज के मुद्दों पर जो जनप्रतिनिधि साथ नहीं दे उनका विरोध किया जाए।
– पद्मावत फिल्म विवाद ज्रैसी स्थिति फिर नहीं आए इसके लिए प्री सेंसर बोर्ड की व्यवस्था भी लागू हो। एतिहासिक तथ्यों व समाज की भावनाओं से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी।
– चुनाव के समय वोट मांगने आए तो घरों के बाहर लिखवा दे हम सामान्य वर्ग में आते है यहां वोट मांगने नहीं आए।
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कपासन व भीलवाड़ा रोड पर वाहनों की कतारे
सम्मेलन में बारिश के बावजूद उमड़ी भीड़ के कारण कपासन व भीलवाड़ा रोड पर यातायात दबाव बढ़ गया। इंदिरा गांधी स्टेडियम के बाईपास वाले रोड से ही सभी को प्रवेश देने से उस रोड पर चौपहिया वाहनों की लंबी कतारे लग गई। मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों से भी बड़ी संख्या में वाहन यहां पहुंचने से हाइवें पर भी वाहनों की लंबी कतारे रही। करणी सेना के कई कार्यकर्र्ता विशेष ट्रेनों के माध्यम से भी यहां पहुंचे थे।
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