एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन सादुलपुर. राजस्थान किसान सभा तहसील कमेटी की ओर से मंगलवार को १५ सूत्री मांग-पत्र के समर्थन में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया। रेलवे स्टेशन के सामने गांधी पार्क से जुलूस रवाना हुआ, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ मिनी सचिवालय पहुंचा। जुलूस में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। मिनी सचिवालय मेें पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने मांग के समर्थन में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर कुरड़ाराम दमिवाल ने कहा कि यूपीए सरकार ने नौ वर्षों में ४५ लाख करोड़ से अधिक की रियायतें देश के पूंजीपतियों को दी। भाजपा की केंद्र सरकार ने चार सालों में तीन लाख करोड़ रुपए की रकम बड़े पूंजीपतियों के बट्टे खाते में डाल दी। राजस्थान के किसानों का सारा कर्जा ७० हजार करोड़ रुपए है। इस अवसर पर ओमप्रकाश विशु, शेरसिंह डांगी, रामदेवाराम, खेमसिंह चौहान, राजवीर कुलहरी, प्रकाशचंद्र पूनिया, ओम धाणक, मैदाराम पूनिया, छगनलाल आदि ने कहा कि क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के कारण आम लोगों में रोष व्याप्त है तथा किसानों पर बढ़ते कर्जे के कारण किसान खेती भी नहीं कर पा रहा हंै। बाद में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
दिए पीले चावल सादुलपुर. अखिल भारतीय किसान सभा तहसील कमेटी की ओर से नौ अगस्त को जिला मु?यालय पर जेल भरो आंदोलन के अन्तर्गत किसान नेताओं ने गांवों में जनसंपर्क कर एवं पीले चावल वितरित कर आंदोलन को सफल बनाने की आवश्यकता जताई है। किसान नेता भगतसिंह ने बताया कि गांव लंबोर छोटी, बैरासर छोटा आदि गांवों में जनसंपर्क किया एवं चावल वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर नौ अगस्त को गिर?तारियां दी जाएगी। इस अवसर पर माईचंद बागोरिया, बनवारीलाल बेनीवाल, रामसिंह, बनवारीलाल मूंड, निहालसिंह पूनिया आदि ने भाजपा को किसान विरोधी बताया।
नौ अगस्त को जेल भरो आंदोलन सरदारशहर. अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले नौ अगस्त को संपूर्ण कर्जा माफी सहित अन्य मांगों को लेकर जिले के किसान जेल भरो आंदोलन में भाग लेंगे। इसके लिए किसान सभा के पदाधिकारी गांव-गांव व ढाणी-ढाणी में जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं तथा आंदोलन में भाग लेने का न्यौता दे रहे हैं। इस अवसर पर किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी ने कहा कि पूरे देश में किसान आंदोलन जबरदस्त तरीके से कर्ज माफी की लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते देश का अन्नदाता कर्ज में डूब रहा है। वही सरकार पंूजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है। इस अवसर पर एसएफआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकृष्ण छिम्पा, जगदीश बिजारणिया, अयूब कायमखानी, भेरूलाल मूंड, संावमल डूडी आदि ने एक दर्जन से अधिक गांवों में जन संपर्क किया।
किसानों की प्रमुख मांगे
– तेलंगाना राज्य की तर्ज पर किसानों को फ्री बिजली मिले और 10 हैक्टेयर बुआई खर्च मिले
– किसानों के तमाम कर्जे माफ हों और स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए
– राज्य में बैल-बछड़ों की बिक्री से रोक हटाई जाए
-भूमि अधिग्रहण बिल वापस हो
– पेट्रोल व डीजल को भी जीएटी के दायरे में लाया जाए
– सम्पूर्ण राज्य में शराब बंदी घोषित हो
– खरीफ 2017 व रबी 2016-17 चालू किया जाए