आशा वर्करों को मिले 15 हजार रु. मानदेय
श्रमिक संगठन एटक ने आशा वर्करों का मानदेय १५ हजार रुपए करने की मांग की है। एटक का कहना है कि उन्हें मात्र दो हजार रुपए दिया जा रहा है, जो न्यूनतम वेतन नियम का उल्लंघन है।
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कोयम्बत्तूर. श्रमिक संगठन एटक ने आशा वर्करों का मानदेय १५ हजार रुपए करने की मांग की है। एटक का कहना है कि उन्हें मात्र दो हजार रुपए दिया जा रहा है, जो न्यूनतम वेतन नियम का उल्लंघन है। एटक के प्रदेश सचिव व पूर्व विधायक एम अरुमुगम और सांसद पी आर नटराजन ने जिला कलक्टर को दिएज्ञापन में बताया कि आशा वर्करों ने कोरोना संकट के दौरान जी -जान से काम किया है।गांवों में लोगों को खास कर महिलाओं की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के निदान के लिए वे सदा तत्पर रहती है। जहां गांवों में इलाज की सुविधा नहीं है ं वहां वे चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि की तरह काम करती है। खास कर पहाड़ी इलाकों में उनका काम प्रशंसनीय हैं। प्रशासन भी कई रूपों में उनकी सेवाएं लेता है, लेकिन उन्हें मात्र दो हजार रुपए दिया जा रहा है। जो अनुुचित है। इनकी मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। आशा वर्कर को प्रति माह १५ हजार रुपए मानदेय मिले और १० साल की सेवा के बाद स्थायी नियुक्ति प्रदान की जाए। प्रदेशमें 2700 आशा कार्यकर्ता हैं।