क्रिकेटरों के लिए चेतन ने किया बड़ा काम
गावस्कर ने कहा कि एक चीज उनकी पीढ़ी और उसके तुरंत बाद के कुछ खिलाड़ियों को भी नहीं पता होगी। वह यह कि खिलाड़ियों के लिए कर छूट हासिल करने में चेतन चौहान का खास योगदान रहा है। गावस्कर ने बताया कि सबसे पहले वह दोनों तत्कालीन वित्त मंत्री दिवंगत आर वेंकरमण (Former Finance Minister R Venkat Raman) से मिले जो तत्कालीन वित्त मंत्री थे। हमने उनसे आग्रह किया कि भारत के लिए खेलने पर मिलने वाली फीस में कर छूट पर विचार किया जाए। गावस्कर ने कहा कि यहां यह बता दें कि यह सिर्फ क्रिकेट के लिए नहीं था, बल्कि तमाम खेल के खिलाड़ियों के लिए था। हमने उन्हें बताया कि जब हम जूनियर क्रिकेटर थे, तब हमें सामान, यात्रा, कोच आदि जैसे कई जरूरी चीजों पर काफी रकम खर्च करनी पड़ती थी, जबकि हमारे पास तब आय का कोई साधन नहीं होता था। वेंकटरमण जी ने इसके बाद अधिसूचना जारी की। इसके तहत टेस्ट मैच फीस पर 75 प्रतिशत की मानक कटौती मिली थी और फिर दौरे पर रवाना होने से पहले मिलने वाली दौरे फीस पर 50 प्रतिशत की छूट। गावस्कर ने कहा कि हालांकि उन दिनों एकदिवसीय मैच की 750 रुपए की फीस पर पूरी छूट मिलनी थी। गावस्कर ने कहा कि याद दिलाते चलें कि तब हमने एक या दो वनडे मैच ही खेले थे।
संन्यास लेने के बाद नए खिलाड़ियों को अधिसूचना की देते थे पर्ची
गावस्कर ने बताया कि यह अधिसूचना करीब 1998 तक रही। तब तक वनडे मैचों की संख्या में काफी इजाफा हो गया था। मैच फीस भी एक लाख रुपए के आसपास पहुंच गई थी। इसलिए 90 के दशक के मध्य में खिलाड़ियों को 25 लाख या इससे अधिक की रकम कर मुक्त मिलती थी। गावस्कर ने बताया कि संन्यास लेने के बाद वह टीम इंडिया में जगह बनाने वाले नए खिलाड़ियों को अधिसूचना की प्रति देते थे, ताकि वह इसे अपने अकाउंटेंट को दे सकें।
दूसरों की मदद की चाहत ने ही राजनीति में पहुंचाया
गावस्कर ने कहा कि चेतन (Chetan Chauhan in politics) हमेशा कहता था कि अगर हमारे से पूछा जाएगा कि भारतीय क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ योगदान क्या है तो हमें क्रिकेट जगत को कर में छूट दिलाना ही कहना चाहिए। गावस्कर ने कहा कि दूसरों की मदद करने की उनकी चाहत ने ही उन्हें राजनीति में पहुंचाया। वह अंत तक देते ही रहे, कभी लिया नहीं। चौहान को याद करते हुए गावस्कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वह कमाल के मजाकिया व्यक्ति थे। जब हम खेल के सबसे खतरनाक गेंदबाजों का सामना करने उतरते थे तो उनका पसंदीदा गाना होता था- ‘मुस्कुरा लाडले मुस्कुरा।’ गावस्कर ने कहा कि चुनौतियों का सामना करते हुए तनाव को कम करने का चौहान का यह तरीका था। उन्होंने कहा कि अब जब उनका जोड़ीदार ही जीवित नहीं है तो वह कैसे मुस्कुरा सकते हैं? भगवान तुम्हारी आत्म को शांति दे, जोड़ीदार।