एम एस धोनी उसी चने के ठेले पर गए और 35 हजार रूपए रखकर चुपचाप चले गए। जिसके बाद चने वाले जिसका नाम भी महेन्द्र था उसने कहा, ' धोनी ने मुझे 35 हजार रुपए दिए उससे मेरी काफी मदद हो गई। खर्चा-पानी निकल जाता है मेरा। जब वो मुझे पैसे देकर गए तब पब्लिक भीड़ लगा दी कि महेंद्र जी पैसे गिनिए तब हम गिन दिए। उन्होंने कभी भी उधार चने नहीं खाए हमेशा पैसे देकर ही चने खाए थे।'

चने वाले ने आगे कहा, ' धोनी से मुझको जाकर मिलना चाहिए था लेकिन वो ही आकर मुझसे मिल गए मुझे बहुत खुशी है। वो जब चना खाते हैं तो मुझको याद करते हैं। धोनी बचपन से काफी ताकतवर थे उनके बाजू में इतनी ताकत थी कि एक बार उन्होंने सिक्स मारा तो वो टंकी पर चला गया था।' मालूम हो कि जब थाला धोनी जब रांची कॉलेज के मैदान में खेलने आते थे तब इसी दुकान से चना खाया करते थे।
चना बेचने वाले महेन्द्र को धोनी के साथ बिताए हर पल अच्छे से याद हैं और उन्हें इस बात की खुशी है कि धोनी भी उन्हें नहीं भूले हैं। बता दें कि एम एस धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी-20 विश्वकप, वनडे विश्वकप और चैपिंयस ट्रॉफी का खिताब जीता था। धोनी की कप्तानी में चैन्नई सुपर किंग्स की टीम 4 बार आईपीएल का खिताब भी जीत चुकी है।