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सन्यास पर पहली बार खुल कर बोले धोनी, आलोचकों की बोलती बंद

मेरा मानना है कि नतीजों से ज्यादा प्रक्रिया जरूरी है। मैंने कभी रिजल्ट के बारे में नहीं सोचा। जो सही लगा वही किया।

Nov 12, 2017 / 05:12 pm

Kuldeep

dhoni speak on his retirement silence the critics
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महिंद्रा सिंह धोनी न्यूजीलैंड के साथ खेले गए दूसरे टी20 मैच के बाद से सुर्खियों में हैं। उनके फॉर्म और टीम में उनकी भूमिका को लेकर पूर्व खिलाडिय़ों ने धोनी की आलोचना करते हुए उन पर सवालिया निशान उठाया। टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजित आगरकर ने टी20 फॉर्मेट से उनकी विदाई की बात कहते हुए टीम मैनेजमेंट से उनका विकल्प तलाशने को कहा था। वही पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने धोनी के टी20 करियर को लेकर सवालिया निशान खड़े किए थे।
आलोचनाओं पर बोले धोनी
लगातार हो रही आलोचना के बीच पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि सभी के अपने-अपने विचार होते हैं और उनका सम्मान करना चाहिए। धोनी ने कहा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना ही मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है। हर क्रिकेटर के पास गॉड गिफ्टेड टैलेंट नहीं होता लेकिन फिर भी फिर भी उनका करियर लंबा चलता है। खिलाड़ी के अंदर खेलने का जुनून होना चाहिए। हर क्रिकेटर देश के लिए नहीं खेल पाता सब को मौका नहीं मिलता। दुबई में अपनी पहली इंटरनेशनल क्रिकेट अकेडमी के उद्घाटन के दौरान धोनी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि नतीजों से ज्यादा प्रक्रिया जरूरी है। मैंने कभी रिजल्ट के बारे में नहीं सोचा। जो सही लगा वही किया।
हेलिकॉप्टर शॉट के बारे धोनी ने कहा
मैं नहीं चाहता कि युवा ऐसे शॉट्स ट्राय करें, क्योंकि इससे वो घायल हो सकते है। धोनी ने कहा, ‘यह मैंने टेनिस बॉल से खेलते हुए सीखा था। यह मुश्किल शॉट है। टेनिस बॉल से अगर बल्ले के निचले हिस्से पर गेंद लगे तो वह दूर तक जाती है। लेकिन प्रोफेशनल क्रिकेट में इस शॉट को बल्ले के बीचोंबीच से मारना पड़ता है। मैं नहीं चाहता कि युवा इसे खेलें, क्योंकि इससे उन्हें चोट लग सकती है।
लक्ष्मण ने ये कहा था
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने कहा था अब समय आ गया है कि टी-20 फॉर्मैट में भारत को धोनी का विकल्प तलाशा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि धोनी ने दूसरे टी20 मैच में 37 गेंद में 132 के स्ट्राइक रेट से 49 रन की पारी खेली थी, जो बुरा प्रदर्शन नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से उनका स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहना चिंता की बात है।
क्या है वीरू का कहना
वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि महेंद्र सिंह धोनी को टी20 टीम में अपनी भूमिका समझनी होगी। उन्हें बड़े स्कोर का पीछा करते हुए शुरू में ही तेजी से रन बनाने होंगे। टीम मैनेजमेंट को उन्हें इस बारे में बताना चाहिए। हालांकि विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम को अभी धोनी और उनके अनुभव की जरूरत है। वह सही समय आने पर संन्यास लेंगे और कभी किसी युवा खिलाड़ी का रास्ता नहीं रोकेंगे।
कोच रवि शास्त्री ने ये कहा
ऐसा लग रहा है कि धोनी आस-पास उनसे जलने वाले लोग हैं, जो केवल उनके करियर में बुरे दिन देखना चाहते हैं। कुछ लोग ऐसे हैं, जो धोनी के करियर के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, उनके जैसे बेहतरीन खिलाड़ी अपना भविष्य खुद तय करते हैं।
गंभीर ने किया समर्थन
गंभीर ने कहा कि धोनी कि आलोचना की जाती है लेकिन लोगों को यह पता होना चाहिए कि उन्होंने भारतीय टीम के लिए क्या किया है। धोनी ने जो भारतीय क्रिकेट के लिए किया है, बहुत सारे लोग वे चीजें नहीं कर पाए है और उसका श्रेय धोनी को दिया जाना चाहिए। अच्छी स्थिति में टीम को संभालना आसान होता है लेकिन बुरे वक्त में धोनी ने टीम को संभाला है। हम 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से बुरी तरह हारे थे लेकिन इसके बाद भी वह बेहद शांत थे, जैसे वह आमतौर पर रहते हैं। गंभीर ने कहा धोनी अपने जज्बात ज्यादातर जाहिर नहीं करते। मुझे लगता है कि इसके लिए श्रेय माही को जाता है।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने ये कहा
पूर्व कप्तान गांगुली का मानना है कि अगर धोनी के प्रदर्शन में सुधर नहीं दिखता तो परिस्थितियों के हिसाब से टीम मैनेजमेंट को उनका विकल्प खोजना चाहिए। गांगुली ने ये भी कहा के टीम मैनेजमेंट को धोनी से बैठ कर बात करनी चाहिए और धोनी को अपने गेम को सुधरने का पर्याप्त मौका भी मिलना चाहिए।

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