ईशांत की पुरानी चोट उभर आने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और एनसीए पर सवाल उठ रहे हैं। इसके लिए एनसीए के मुख्य फिजियो आशीष कौशिक पर सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहली बात तो यह कि आखिर जब डॉक्टरों ने उन्हें छह सप्ताह के लिए आराम की सलाह दी थी तो तीन सप्ताह में ही उन्हें कैसे फिट बता दिया गया। इस पर से टेस्ट मैच के 72 घंटे पहले उन्हें न्यूजीलैंड दौरे पर कैसे भेजा गया, जबकि टीम इंडिया में वापसी के लिए सभी क्रिकेटरों के लिए यह नियम है कि उसे टीम इंडिया में वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना पड़ेगा। फिर इस खिलाड़ी को कैसे इजाजत में दे दी गई। इन बातों के मद्देनजर बीसीसीआई की कार्यशैली और एनसीए के फीजियो की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
फिर पुरानी चोट उभरी
बताया जा रहा है कि पूरी तरह फिट नहीं होने के बावजूद न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में उतर जाने के कारण उनकी ‘लिगामेंट’ की पुरानी चोट फिर से उभर आई। इसी के लिए वह एनसीए में पुनर्वास के लिए गए थे। हालांकि बीसीसीआई की तरफ से ईशांत की चोट पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के हवाले से दी गई खबर में मामला यही बताया गया है। बता दें कि ईशांत ने न्यूजीलैंड जाने से पहले बताया था कि उन्होंने एनसीए में दो दिन 21-21 ओवर गेंदबाजी की थी। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में खेलने की मंजूरी मिली। उन्होंने एनसीए के फीजियो कौशिक के साथ अपनी तस्वीर भी ट्वीट की थी। इसमें अपने फिट होने में एनसीए की काफी तारीफ की थी।
सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, ईशांत शर्मा की चोट गंभीर है। इससे उबरने में उन्हें एक महीने से अधिक का समय लग सकता है। ऐसे में आईपीएल की शुरुआती मैचों से उनका बाहर होना तय लग रहा है। लेकिन इतना तय है कि एनसीए की लापरवाही और बीसीसीआई के इस रवैये का सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली कैपिटल्स की टीम को होना है। वह इस टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं। पिछले सीजन में उन्होंने दिल्ली को प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने आईपीएल के पिछले सीजन में शानदार गेंदबाजी करते हुए 13 मैचों में 13 विकेट लिए थे। इसके अलावा अपनी टीम को अहम मौकों पर ब्रेकथ्रू भी दिलवाया था।