दिल्ली में प्रदूषण का स्तर देखते हुए पहले से इस मैच के आयोजन पर सवाल उठ रहे थे। इसके बावजूद बीसीसीआई इसे यहीं कराने पर अड़ा है। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी एक बयान देकर कहा था कि अंतिम वक्त में आयोजन स्थल बदलना संभव नहीं है। लेकिन शनिवार को हल्की बारिश के बाद धुंध और गहराने के बाद हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं और अब डीडीसीए भी चिंतित नजर आ रहा है। डीडीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि ग्राउंड स्टाफ तैयार हैं, लेकिन अब यह सबकुछ खिलाड़ियों और प्रकृति पर निर्भर करता है।
डीडीसीए अधिकारी ने कहा कि शनिवार को हुई बारिश से उम्मीद थी कि धुंध छंटेगा, लेकिन इसके विपरीत हालात बेहतर होने के बजाय और खराब हो गए हैं। आंखों में जलन हो रही है और देखने में बहुत ज्यादा परेशानी महसूस हो रही है। इसका कारण यह है कि दृश्यता और कम हो गई है। उम्मीद थी कि सूरज निकलने के बाद स्मॉग से राहत मिलेगी। लेकिन सूरज दिनभर लुकाछिपी का खेल खेलता रहा। अगर ऐसा ही बना रहा तो मैच का आयोजन बेहद मुश्किल हो सकता है। इस हालत में सिर्फ दुआ ही की जा सकती है कि मैच हो जाए।
अंतिम फैसला अंपायर और रेफरी लेंगे
अधिकारी ने कहा कि मैच कराने और न कराने का अंतिम फैसला तो अंपायर से संपर्क कर रेफरी लेंगे। इसके अलावा वह ग्राउंड स्टाफ से भी संपर्क कर राय ले सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वैसे मौसम के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। संभव है कि मैच के समय तक तक सबकुछ बदल जाए। वैसे वर्तमान स्थिति को देखते हुए तो हालात ठीक नहीं लगते।