आउटडोर ट्रेनिंग का विकल्प इंडोर नहीं हो सकता
टीम इंडिया के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवास (Ramji Srinivas) समेत कई फिजिकल ट्रेनरों का मानना है कि घर में ट्रेडमिल पर मांशपेशियों की कसरत क्रिकेटर कर रहे हैं, लेकिन इंडोर एक्सरसाइज कभी आउटडोर एक्सरसाइज की जगह नहीं ले सकता। ट्रेडमिल पर दौड़ना बाहर मैदान पर दौड़ने की कभी बराबरी नहीं कर सकता। रामजी 2011 विश्व कप (ICC ODI World cup 2011) में टीम इंडिया के फिजिकल ट्रेनर थे।
वहीं 2013 से 2016 तक टीम इंडिया के फिजिकल ट्रेनर रह चुके सुदर्शन (Sudarshan) ने कहा कोरोना के बाद फिटनेस पर कहा था कि खिलाड़ी लंबे समय बाद घर से निकल कर मैदान पर वापसी करेंगे। इसलिए यह किसी के लिए आसान नहीं होने जा रहा, लेकिन तेज गेंदबाजों को ज्यादा मुश्किल पेश आएगी। इसकी वजह यह है कि तेज गेंदबाजी पूरी तरह मांशपेशियों की गतिविधि पर निर्भर होती है। इसमें उनका रनअप और जम्प आता है। इससे खिलाड़ियों पर जोर पड़ता है। लॉकडाउन में वह लंबे समय से बंद है। इसलिए एकाएक इस पर जोर देने से ये गेंदबाज चोटिल हो सकते हैं। इसलिए धीरे-धीरे ही यह वापस लय में आ सकते हैं। इस प्रक्रिया में कम से कम चार से छह सप्ताह लगेंगे।
चार चरण में इन खिलाड़ियों को करनी होगी वापसी
खिलाड़ियों को को निजी स्तर पर आउटडोर ट्रेनिंग (Outdoor Training) की इजाजत मिल चुकी है। इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपने खिलाड़ियों को इसकी इजाजत नहीं दी है। उम्मीद है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में ही आईपीएल (IPL) टीमों के साथ टीम इंडिया के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू होगी। आईपीएल शुरू होने से करीब एक महीने पहले वहां खिलाड़ी पहुंच जाएंगे और ऐसी उम्मीद है कि टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर (R Sridhar) के फॉर्मूले के आधार पर वहां आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ी चार चरण का अभ्यास कार्यक्रम पर अमल करेगी। इस आउटडोर ट्रेनिंग कैंप (Training Camp) के जरिये खिलाड़ी चार से छह सप्ताह में खेलने योग्य फिटनेस हासिल कर लेंगे।
श्रीधर का मानना है कि इतने लंबे अनचाहे विश्राम से लौटने वाले खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट (Workload Management) पर भी ध्यान देना होगा। उनका मानना है कि खिलाड़ियों को शुरुआती चरण में जरूरत से ज्यादा अभ्यास से बचना होगा। उनके चोटिल होने का खतरा है। इसलिए शुरुआत में उन्हें हल्का कार्यभार देना होगा। इसके बाद उसे धीरे-धीरे इसे बढ़ाना होगा। उनके अनुसार, पहले चरण में हल्की गति से हल्का अभ्यास करना होगा, जबकि दूसरे चरण में गति को हल्का रखते हुए अभ्यास को बढ़ाना होगा। इसके बाद गति और अभ्यास दोनों का स्तर बढ़ाना होगा।