टीम में जगह नहीं होने के कारण लिया फैसला
अजहर अली ने कहा कि उन्होंने संन्यास का फैसला इसलिए लिया था, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि पाकिस्तान के शॉर्टर फॉर्मेट टीम में उनके लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें लगा कि विश्व कप टीम में उनकी जगह पक्की नहीं है, इसीलिए संन्यास ले लिया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे तो उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं ने उनसे संपर्क किया तो वह इस बारे में जरूर सोचेंगे। फिलहाल वह क्रिकेट के शॉर्टर फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं।
अजहर अली ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को अभी टीम का कोच और नई चयन समिति बनानी है। ऐसे में संन्यास से वापसी के बारे में सोचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान आगामी टेस्ट सीजन पर है। टेस्ट क्रिकेट पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए ही उन्होंने शॉर्टर फॉर्मेट से संन्यास लिया था और उन्हें इस बात का कोई दुख नहीं है। अजहर अली का टेस्ट रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। वह 73 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और वह दोहरा और तिहरा शतक भी लगा चुके हैं।
टेस्ट क्रिकेट को असली क्रिकेट बताते हुए अजहर अली ने कहा कि एक टीम के तौर पर हमें इस फॉर्मेट में बेहतर करने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ घरेलू सीरीज में ही नहीं, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी जगहों पर भी जाकर हमें जीतना होगा। उनका मानना है कि पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है और उसे संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण उन्हें लगता है दो सीनियर खिलाड़ियों का संन्यास लेना। किसी सीनियर खिलाड़ी के रिटायर होने का असर न सिर्फ बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर पड़ता है, बल्कि टीम पर अन्य तरह से भी पड़ता है। उनका रिप्लेसमेंट मिलना इतना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नए खिलाड़ी आएंगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
अजहर अली अगर ऐसा करते हैं तो अंबाती रायडू के बाद संन्यास के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले वह इस साल दूसरे खिलाड़ी होंगे।