ऐसा है दोनों का आंकड़ा
बात अगर आंकड़ों में दोनों की कप्तानी की करें तो धोनी ने 200 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की है। इनमें से उन्होंने 110 में जीत हासिल की है। इस दौरान उनका जीत का प्रतिशत 59.52 का रहा है। वहीं कोहली ने 89 मैचों में टीम इंडिया की अगुवाई की है और इनमें से 62 मैच जीते हैं। कोहली का वनडे में जीत का प्रतिशत 71.83 का रहा है। बात टेस्ट मैच की करें तो धोनी ने 60 मैचों में 27 मैच जीते वहीं कोहली अभी तक 55 में से 33 मैच जीत चुके हैं।
दोनों की कप्तानी का तरीका अलग : कृष्णन
टीम इंडिया के पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) का मानना है कि इन दोनों की कप्तानी का तरीका अलग था और इन दोनों ने अपने-अपने स्टाइल में कप्तानी कर दो अलग-अलग टीम बनाई और अपने-अपने तरीके से कामयाबी हासिल की।
कोहली बेहतर से और बेहतर हो रहे हैं
एक साक्षात्कार में शिवरामकृष्णन ने कहा कि विराट कोहली बहुत ही सहज और सक्रिय हैं। यही बात उन्हें ऊर्जा देती है। इसके आगे उन्होंने कहा कि वह अब भी दिनोंदिन बेहतर से और बेहतर हो रहे हैं। कप्तान के रूप में कोहली के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वह टीम को आगे से लीड करते हैं। वह न सिर्फ बल्ले से रन बनाते हैं, बल्कि उनके पास ऊर्जा भी है। उन्होंने कहा कि जैसे 1990 और 2000 की दशक की ऑस्ट्रेलियाई टीम हार के बारे में नहीं सोचती थी। ठीक वैसे ही कोहली भी सिर्फ जीतने के लिए खेलते हैं। यही वजह है कि वह इतने कामयाब हैं। कोहली का मंत्र है कि आप जाओ, कोशिश करो और मैच को जीतो अगर आप हार जाते हैं तो यह खेल का एक हिस्सा है।
गेंदबाजों के कप्तान हैं धोनी
शिवरामकृष्णन ने कहा कि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी दोनों अलग-अलग तरह के कप्तान हैं। विराट आक्रामक है और खुद को अभिव्यक्त करने से रोकते नहीं है तो वहीं धोनी शांत रहते हैं। उनका चेहरा इतना शांत और सपाट रहता है कि आप शायद ही उनके चेहरे को पढ़ सकें। विराट ने कहा कि यहां तक कि यह जानना भी मुश्किल होता है कि उनका शरीर क्या कह रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एमएस धोनी गेंदबाजों के अधिक कप्तान हैं। यह गेंदबाजों के लिए एडवांटेज की स्थिति होती है।