महज 19 साल की उम्र में अपना प्रभाव छोड़ा
सुरेश रैना ने कहा कि उस वक्त हर कोई इरफान पठान की तुलना वसीम अकरम से करता था। वह अपने लंबे और घुंघराले बालों की वजह से किसी शैंपू के ब्रांड एम्बेसडर लगते थे। रैना ने कहा कि जब वह 2005 में टीम इंडिया में आए, तब तक इरफान पठान काफी बड़ा नाम बन चुके थे। वह काफी लोकप्रिय हो चुके थे। महज 19 साल की उम्र में ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुना गया था। उस वक्त अपनी बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी से उन्होंने सबको बहुत प्रभावित किया था। 2004 में पठान पाकिस्तान दौरे पर गए थे। वहां मुल्तान टेस्ट में छह विकेट लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
मुल्तान टेस्ट में इरफान पठान के शानदार प्रदर्शन के बावजूद पाकिस्तान के मध्यक्रम के दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद (Javed Miandad) ने एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि इरफान जैसे तेज गेंदबाज तो पाकिस्तान की गलियों में मिल जाते हैं। इरफान पठान ने इस शो में उस घटना को याद करते हुए कहा था कि उनके पिता को यह टिप्पणी पसंद नहीं आई थी। इसके दो साल बाद 2006 में एक बार फिर से इरफान पठान को पाकिस्तान दौरे पर टीम में जगह मिली थी। इस मौके को उन्होंने हाथ से नहीं जाने दिया। इस टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में ही उन्होंने अपना दूसरा हैट्रिक (Hattrick) लिया और ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। इस हैट्रिक के जरिये उन्होंने पाकिस्तान का शीर्षक्रम झकझोर कर रख दिया था। उन्होंने सलमान बट्ट (Salman Butt), यूनिस खान (Younis Khan) और मोहम्मद यूसुफ (Mohammad Yousuf) जैसे बेहतरीन बल्लेबाजों को लगातार तीन गेंद पर पैवेलियन भेजकर अपना हैट्रिक पूरा किया था।