उन्मुक्त चंद ने नवंबर 2021 में भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। इसके पीछे की असल वजह यह थी कि उन्हें लंबे टाइम से ना तो घरेलू क्रिकेट और ना ही आईपीएल में खेलने का मौका मिल रहा था। अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाले इस कप्तान का सीनियर टीम में आने के लगभग सभी रास्ते बंद नजर आ रहे थे जिसके चलते उन्होंने भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेकर अमेरिका जाकर क्रिकेट खेलने का फैसला किया।
उन्मुक्त चंद जितनी तेजी से सफलता की सीढ़ी चढ़े उतनी ही तेजी से वो नीचे भी गिरे थे। 2017-18 के रणजी सीजन में उन्मुक्त चंद ने चार मैचों की 6 पारियों में महज 128 रन बनाए थे जिसके चलते उन्हें सैय्यद मुश्ताक़ टी-20 ट्रॉफी से ड्रॉप कर दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफी में अपने दमदार प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया था।
विजय हज़ारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए 2011 में डेब्यू करने वाले उन्मुक्त चंद को आईपीएल में भी कोई खरीदार नहीं मिला जिसने उन्हें तोड़कर रख दिया। बता दें कि मेलबर्न रेनेगेड्स की टीम लगभग बीबीएल से बाहर हो चुकी है और वह अंकतालिका में अभी सबसे नीचे हैं। होबार्ड हरिकेंस के खिलाफ मुकाबले में उन्मुक्त चंद का नाम नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए दिया गया है।