झारखंड के दिग्गज क्रिकेटर धोनी काफी समय से न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से, बल्कि क्रिकेट मैदान से ही दूर हैं। वह आखिरी बार पिछले साल जुलाई में आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया की ओर से न्यूजीलैंड के खिलाफ उतरे थे। इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से वह ब्रेक पर हैं और आईपीएल-2020 में वापसी करने वाले थे।
लंबे समय से मैदान से दूर रहने के कारण वापसी मुश्किल
एक मीडिया से बात करते हुए हैदराबादी क्रिकेटर वेंकटपति राजू ने कहा कि धोनी को क्रिकेट मैदान पर उतरे आठ महीने से ज्यादा हो गए हैं। साथ में यह भी पता नहीं कि कोरोना वायरस के कारण वह कितने समय तक मैदान पर वापसी न कर पाएं। इस कारण उन्हें लगता है कि इतने लंबे समय तक मैदान से बाहर रहने के कारण सीधे इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले टी-20 विश्व कप की भारतीय टीम में उनकी वापसी मुश्किल लगती है। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के कारण आईपीएल को 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है।
पूर्व चयनकर्ता ने कहा कि यह सच है कि महेंद्र सिंह धोनी पिछले 15 साल से मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं। उनकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है। लेकिन किसी भी खिलाड़ी के लिए इतने लंबे ब्रेक के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करना आसान नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि धोनी की वापसी इस बात पर निर्भर करती है कि वह आईपीएल में कैसा प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी यदि घरेलू या इंडिया-ए सीरीज में बेहतर प्रदर्शन करता है तो उसकी दावेदारी बनी रहती है, लेकिन धोनी तो हर तरह के क्रिकेट से बाहर हैं।
धोनी को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं
राजू ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं, बल्कि उन्हें खुद को साबित करना है कि वह अब भी वैसे ही खेल सकते हैं, जैसा वह वर्षों से करते आ रहे हैं। इसके अलावा उम्र भी एक बड़ा कारण है। वह भी बाधा बन सकता है। इस उम्र में खुद को फिट रखना आसान नहीं होता और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना आसान नहीं होता। इस स्तर पर अलग तरह की फिटनेस और कौशल की जरूरत होती है। बता दें कि पूर्व चयनकर्ता वेंकटपति राजू भारत की ओर से 28 टेस्ट और 53 वनडे खेल चुके हैं।