सचिन की मदद से निकले इस दौर से
विराट कोहली ने टीम इंडिया में टेस्ट मैच में सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) से ‘बीसीसीआई टीवी’ (BCCI TV) पर बातचीत में कहा कि काफी लोग अपने अच्छे दौरों को मील का पत्थर कहते हैं, लेकिन उनके लिए 2014 का इंग्लैंड दौरा मील का पत्थर साबित हुआ। इस दौरे के बाद उन्होंने अपनी तकनीक में बदलाव किया और वह बेहतर बल्लेबाज बन सके। विराट ने बताया कि इंग्लैंड दौरे से लौटते ही उन्होंने इस पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से बात की और मुंबई में उनके साथ बल्लेबाजी के कुछ सेशन लिए। कोहली ने बताया कि सचिन ने उन्हें बड़े कदमों और तेज गेंदबाजों के खिलाफ ‘फॉरवर्ड प्रेस’ की अहमियत का एहसास कराया। कोहली ने बताया कि अपनी पोजिशन के साथ उन्होंने जैसे ही ऐसा करना शुरू किया, चीजें खुद ब खुद ठीक होनी शुरू हो गई। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए और वहां उन्होंने चार शतक जड़ दिए।
आखिरकार Mohammad Amir ने किया खुलासा, 27 साल की उम्र में संन्यास लेने की यह रही वजह
फिटनेस बोले Virat Kohli, मां को मनाना आसान नहीं था, उसे हमेशा मैं कमजोर लगता थाकोहली ने बताया क्यों रहे थे इंग्लैंड दौरे पर फ्लॉप
मयंक से बातचीत के दौरान विराट कोहली ने इंग्लैंड दौरे पर अपने फ्लॉप रहने का कारण भी बड़ी बेबाकी से बताया। उन्होंने बताया कि ‘हिप पोजिशन’ समस्या बन गई थी। हिप पोजिशन सख्त होने के कारण वह परिस्थितियों के अनुरूप संतुलन नहीं बिठा पा रहे थे और सही जगह नहीं पहुंच पा रहे थे। कोहली ने कहा कि यह काफी लंबा और दर्दनाक रहा, लेकिन उन्होंने इसे महसूस किया कि ‘हिप पोजिशन’ की वजह से वह शॉट नहीं लगा पा रहे हैं। कोहली ने कहा कि इसे संतुलित रखना बेहद जरूरी है, ताकि आप ऑफ और लेग साइड दोनों ओर बराबर नियंत्रण बनाकर शॉट खेला जा सके।