17 साल के इस युवा क्रिकेटर का यह लिस्ट ए क्रिकेट का सिर्फ चौथा मैच है और वह दो शतक जमा चुका है। इसके पहले उन्होंने गोवा के खिलाफ अपने दूसरे ही लिस्ट ए मैच में शतक जड़ दिया था। इस मैच में उन्होंने 113 रनों की पारी खेली थी। वह अभी तक विजय हजारे ट्रॉफी के 4 मैचों में वे 301 रन बना चुके हैं और उनका स्ट्राइक रेट 75.25 का है।
अर्जुन तेंदुलकर ने बदली किस्मत
बता दें कि यशस्वी जायसवाल पहले मुंबई में ठेले लगाकर पर गोलगप्पे बेचा करते थे और वहां से उठकर उन्होंने यहां तक का सफर किया है। लेकिन एक बात आपके पता नहीं होगी कि यशस्वी की कामयाबी में सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर का भी थोड़ा-बहुत हाथ है। ये दोनों काफी अच्छे दोस्त हैं।
अर्जुन तेंदुलकर की यशस्वी जायसवाल से पहली मुलाकात बेंगलूरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी में हुई थी। वहीं इनकी दोस्ती परवान चढ़ी। वहां दोनों एक ही कमरे में रहते थे। यशस्वी सचिन तेंदुलकर के बड़े प्रशंसकों में से एक हैं। उनकी इच्छा सचिन से मिलने की थी। बस पिछले साल अर्जुन यशस्वी को अपने पिता से मिलवाने अपने घर ले आए। यशस्वी से मिलकर सचिन भी उनसे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने यशस्वी को अपना बल्ला गिफ्ट करते हुए कहा था कि अपने डेब्यू मैच में इसी बल्ले से खेलना। इसके बाद से यशस्वी लगातार बेहतर करते जा रहे हैं। पहले भारत के अंडर-19 टीम की तरफ से शानदार प्रदर्शन किया और अब विजय हजारे ट्रॉफी के इस सीजन में शतक पर शतक जड़े जा रहे हैं।