दशहरे पर हुए दर्दनाक हादसे से अभी लोग उबरे भी नहीं थे, कि एक बार फिर ट्रैक पर खूनी खेल खेलने की तैयारी की जा रही थी। घटना स्थल से कुछ दूरी पर ही पटरियों के 12 से ज्यादा कुंडे खुले मिले। दरअसल इन कुंडों को ट्रेन पलटाने के लिए निकाला गया था। ताकि बड़े हादसे को फिर अंजाम दिया जा सके। हालांकि फिलहाल ये जानकारी नहीं मिल पाई है कि इसके पीछे कौन था। आरपीएफ इसे किसी शरारती तत्वों की हरकत मान रही है।
हथौड़े का किया गया इस्तेमाल
समय रहते इन कुंडों पर किसी की नजर नहीं पड़ती तो एक बार फिर बड़ा हादसा हो सकता है। आरपीएफ की टीम ने पटरी की जांच की तो करीब 200 मीटर के दायरे में एक दर्जन से ज्यादा कुंडे निकाल दिए गए थे। इससे पटरी ढीली हो गई थी। आपको बता दें कि कुंडों को हाथ से निकालना आसान नहीं है। इसके लिए हथौड़े का इस्तेमाल किया गया है। आरपीएफ और पुलिस की तरफ से कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दे दी गई है। इस पटरी पर पिछले 45 घंटे से यातायात ठप है।
आपको बता दें कि लोगों की तरफ से लगातार चेतावनी दी जा रही है कि इस पटरी पर दोबारा कोई ट्रेन नहीं चलने दी जाएगी। लोगों की ओर से इसे लेकर धरना भी दिया गया। हो सकता है इन्हीं विरोध करने वालों में से कुछ लोगों ने ट्रैक पर कुंडे निकाल दिए हों, लेकिन इस तरह की हरकत सैकड़ों लोगों की जान को जोखिम में डालने वाली हरकत है।