चंडीगढ़। पठानकोट में भारतीय वायु सेना के एयरबेस पर पिछले माह हुए आतंकी हमले की गुत्थी सुलझती नजर आ रही है। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले तीन लोगों को पठानकोट पुलिस ने पकड़ा है। इनसे महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।
पठानकोट के सैन्य प्रतिष्ठानों के इर्द-गिर्द जासूसी रैकेट का खुलासा हाल में तब हुआ जबकि पुलिस ने मेमून केन्टोनमेंट में मजदूर के रूप में काम करने वाले इरशाद अहमद को सैन्य ठिकानों के फोटो अपने मोबाइल फोन पर खींचते हुए पकड़ा । इरशाद से पूछताछ के बाद पंजाब के मोगा निवासी संदीप मलही को हिरासत में लिया गया। इन दोनों से पूछताछ के बाद जम्मू के सुरानकोट इलाके से सज्जाद हुसैन को पकड़ा गया। ये तीनों अभी पठानकोट पुलिस की हिरासत में है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आला अफसर यह मान रहे हैं कि इन तीनों के हिरासत में आने के बाद साजिश का पर्दाफाश करना आसान होगा। इस साजिश का सूत्रधार सज्जाद हुसैन ही रहा है। सज्जाद को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। वह अभी अदालत के आदेश पर 18 फरवरी तक की पुलिस रिमांड पर है।
सूत्रों के अनुसार इरशाद अहमद ने पूछताछ में खुलासा किया था कि सज्जाद पाकिस्तान गया था और वहां आईएसआई के सम्पर्क में आया था। आईएसआई ने सज्जाद को भारतीय सैन्य ठिकानों के फोटो एवं अन्य जानकारी भेजने का काम सौंपा था। सज्जाद ने लौटने पर इरशाद अहमद को यह जिम्मा सौंपा और इरशाद ने संदीप मलही को जासूसी में शामिल किया। इरशाद ने बताया है कि आईएसआई ने वेस्टर्न यूनियन मनी टंसफर के जरिए धन भेजा था। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने ऐसे 250 लोगों की सूची भी तैयार की है जो कि पठानकोट एयरबेस में विभिन्न काम करने के लिए प्रवेश करते है।
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