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क्राइम

खाकी पर ये दाग अच्छे नहीं

पिछले कुछ समय से भीलवाड़ा पुलिस के दिन खराब चल रहे हैं। हाल ही हुई कई घटनाओं ने जहां खाकी वर्दी को शर्मसार किया है। कार्यशैली को लेकर भी महकमे की खासी किरकिरी हुई।

Sep 13, 2019 / 10:59 pm

jaiprakash singh

खाकी पर ये दाग अच्छे नहीं

Bhilwara news

जयप्रकाश सिंह

पिछले कुछ समय से भीलवाड़ा पुलिस के दिन खराब चल रहे हैं। हाल ही हुई कई घटनाओं ने जहां खाकी वर्दी को शर्मसार किया है। कार्यशैली को लेकर भी महकमे की खासी किरकिरी हुई। शहर में ऑनलाइन सट्टा प्रकरण और नकली दवा के मामले में लाखों रुपए की चौथवसूली के दोषी पाए गए दो थानाधिकारियों को पुलिस महानिदेशक ने निलम्बित कर दिया। इस मामले में कई अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच हो रही है। जिले में अवैध बजरी खनन-परिवहन के मामले में कई पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई। मंगरोप थाना इलाके में पिछले दिनों एक फाइनेंसर के खुद की हत्या कराने का पुलिस का खुलासा परिजनों से लेकर आमजन किसी के गले नहीं उतर रहा। कोटड़ी इलाके बुधवार रात शराब के नशे में धुत पुलिसकर्मी को महिला के साथ कार में संदिग्ध हालात में ग्रामीणों ने पकड़ा। इधर, इसी रात लोगों की सजगता से पकड़ में आया चोर पुलिस की लापरवाही के चलते गुरुवार तड़के अस्पताल से फरार हो गया। ये घटनाएं तो बानगी भर हैं। जिले में ऐसे कई मामले हुए, जो भीलवाड़ा पुलिस की छवि को दागदार कर रहे हैं। इन घटनाओं से जहां आमजन का पुलिस पर से भरोसा कम हो रहा है, वहीं अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं। चोरियों की बाढ़ सी आ गई है। लूट व दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ गई। ऐसा लग रहा है कि जिले में पुलिसिंग ही नहीं रही। कानून का भय खत्म हो गया।
इस तरह की घटनाओं के पीछे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही रही। कुछ समय पहले पुलिस का कामकाज का ढर्रा ही बिगड़ गया था। ऊपर से संरक्षण मिलने के कारण कुछ अधिकारी-कर्मचारी तो निरकुंश हो गए थे। अपराधियों से गठजोड़ और भ्रष्टाचार के खुलेआम चर्चे थे। अपराधी तक उनकी मांग और प्रताड़ना के शिकार होने की चर्चा रही। शिकायतों के बावजूद लापरवाह कारिंदों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से आमजन हताश और निराश था। अब जिले में पुलिस महकमे में फेरबदल हुआ है। पुलिस के मुखिया ने हाल ही घटनाओं में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन अब भी कामकाज के ढर्रे में खासे सुधार की जरूरत है। जहां अपराधियों के मन में डर और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करना है, वहीं अपने ही महकमे के भ्रष्ट, निरकुंश और लापरवाह कर्मियों के खिलाफ सख्ती की जरूरत है, तभी लोगों में पुलिस का इकबाल बुलन्द हो सकेगा, वरना खाकी वर्दी पर यूं ही दाग लगते रहेंगे।
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