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बिहार: चुनाव से पहले सुशासन बाबू के राज में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, सियासत तेज

RTI के एक जवाब में यह बताया गया है कि 2 अरब 33 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है।

नई दिल्लीNov 23, 2018 / 04:20 pm

Anil Kumar

बिहार: सुशासन बाबू के राज में 2 अरब 33 करोड़ के भ्रष्टाचार का हुआ खुलासा, सियासत तेज

पटना। भ्रष्टाचार विरोधी और सुशासन बाबू का तमका लगाकर दंभ भरने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में एक बड़ा भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। दरअसल महालेखाकार कार्यालय की ओर से कराई गई ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 2 अरब 33 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर में वर्ष 2011 से 2016 तक हुए दो निरीक्षण रिपोर्ट में सीएजी ने 102 करोड़ की वित्तीय अनियमितता पकड़ी तो वहीं दरभंगा में एक अरब 31 करोड़ से अधिक रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गई है। इस खुलासे के बाद से बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है।

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कैसे पकड़ी गई वित्तीय अनियमितता

आपको बता दें कि ये दोनों मामले मुजफ्फरपुर और दरभंगा के जिला नजारत कार्यालय के हैं। ये गड़बड़ी महालेखाकार कार्यालय ने ऑडिट रिपोर्ट में पकड़ी है। इससे पहले सीएजी रिपोर्ट बताया गया था कि वर्ष 2009 से लेकर 2017 तक की ऑडिट रिपोर्ट में करीब 2 अरब 33 करोड़ 23 लाख की वित्तीय अनियमितता हुई है। हालांकि इस संबंध में जब सूचना के अधिकार के तहत गायघाट के अमित कुमार मंडल ने रिपोर्ट मांगी जिसमें यह खुलासा हुआ। आरटीआई के जवाब में बताया गया कि दोनों जिलो में करीब 233 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि बाढ़ राहत के लिए बनाए गए पैकेट का सामान खरीदने में अनियमितता की गई है। इसके अलावा बैंक खाते से 11 लाख 58 हजार रुपये की अवैध निकासी भी की गई है तो वहीं दरभंगा में वर्ष 2015 में किए गए निरीक्षण में भी इस गड़बड़ी का खुलासा हो चुका है।

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सरकार के पास पहुंची ऑडिट रिपोर्ट

आपको बता दें कि सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट को सरकरा और लोक लेखा समिति को भेजी जा चुकी है। इसके अलावा आरटीआई कार्यकर्ता ने भी मुख्य सचिव को इस मामले की जांच के लिए सितंबर 2018 में पत्र लिखा है लेकिन कार्रवाई करने के बजाए यह मामला वित्त विभाग और सामान्य प्रशासन के बीच ही घूम रहा है। हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जाने से नाराज आरटीआई कार्यकर्ता पटना उच्च न्यायालय में चैलेंज करने की तैयारी कर रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। इससे पहले चारा घोटाला को लेकर नीतीश सरकार लगातार लालू प्रसाद यादव पर हमलावर रही है। इस मामले में लालू यादव फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। लेकिन अब जब नीतीश के दामन में खुद इतना बड़ा भ्रष्टाचार के छींटे लगे हैं तो वे इससे कैसे निपटेंगे यह देखना काफी दिलचस्प होगा। हालांकि इससे पहले विपक्ष नीतीश सरकार पर सृजन घोटाला का आरोप लगाती रही है लेकिन उसमें भी तक किसी तरह से कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है।

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