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दरअसल, साइक्लोजिकल पोस्टमार्टम खासकर आत्महत्या वाले केसों में होती है। इसकी खास बात यह भी है कि इस प्रक्रिया में शव या उसकी बॉडी के किसी भी पार्ट की कोई जरूरत नहीं होती है। जब साइक्लोजिकल पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तैयार की जाती है तो उस समय पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अलावा मृतक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गौर किया जाता है। इसके साथ ही पड़ोसियों, परीचितों व घटना से जुड़े लोगों से बातचीत के आधार पर अलग-अलग एंगल पर गौर किया जाता है। साइक्लोजिकल पोस्टमार्टम में टीम भाटिया परिवार से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर जांच करेगी। जैसे कि परिवार के सदस्यों की वीडियो, सुसाइड से पहले की तैयारियां, घर में मिला रजिस्टर आदि। इन सबकी गहनता से जांच की जाएगी।
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सुनंदा पुष्कर केस में हुआ था साइक्लोजिकल पोस्टमार्टम
आपको बता दें कि ऐसा दूसरी बार है जब दिल्ली पुलिस किसी मामले में साइक्लोजिकल पोस्टमॉर्टम कराना चाहती है। इससे पहले देश के चर्चित और सहस्यमय सुनंदा पुष्कर मौत में दिल्ली पुलिस ने यह पक्रिया अपनाई थी। आपको बता दें कि पिछले माह दिल्ली के बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोग फंदे से लटके पाए थे। एक ही परिवार के 11 लोगों की अचानक मौत से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था।