Fake encounter case: एडीजीपी गीता जौहरी से भी हटे आरोप
सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को मुठभेड़ प्रकरण में एडीजीपी गीता जौहरी को आरोप मुक्त कर दिया
अहमदाबाद। मुंबई स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को सोहराबुद्दीन व तुलसी प्रजापति मुठभेड़ प्रकरण में राज्य की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ए डीजीपी) गीता जौहरी को आरोप मुक्त कर दिया। विशेष न्यायाधीश एम बी गोसावी ने कहा कि सरकार से अभियोजन स्वीकृति के अभाव में जौहरी के खिलाफ लगे आरोप हटाए जाते हैं। वर्ष 1982 बैच की आईपीएस अधिकारी जौहरी फिलहाल गुजरात पुलिस आवास निगम की प्रबंध निदेशक पद पर हैं।
सीबीआई के अनुसार जौहरी पर तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में जांच में देरी करने तथा कुछ केस रिकॉर्ड को नष्ट करने का आरोप लगा था। जौहरी की ओर से अदालत के समक्ष आरोप मुक्त करने की गुहार लगाई गई थी। इसमें यह कहा गया था कि उनके खिलाफ अभियोजन के लिए राज्य सरकार से मंजूरी नहीं ली गई है, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। सितम्बर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन प्रकरण को मुंबई स्थानांतरित कर दिया था। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने तुलसी प्रजापति मुठभेड़ को भी सोहराबुद्दीन मुठभेड़ के साथ चलाए जाने का आदेश दिया था। दोनों मामलों में शाह सहित कुल 38 आरोपित शामिल थे, जिनमें ज्यादा पुलिसकर्मी थे।
गौरतलब है कि गुजरात एटीएस व राजस्थान की एसटीएफ की टीम ने कथित रूप से आतंकी सोहराबुद्दीन शेख को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में नवम्बर 2005 में फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके कुछ दिन बाद उसकी पत्नी कौसरबी की हत्या कर दी गई। इसी मामले के अहम गवाह व सोहराबुद्दीन के सहयोगी तुलसी प्रजापति की भी बनासकांठा जिले में दिसम्बर 2006 में मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी। इस घटना के समय जौहरी पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) थीं। अदालत इससे पहले गत वर्ष ç दसम्बर में भाजपा अध्यक्ष व राज्य के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह तथा गत माह राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक पी सी पांडे, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया व व्यापारी विमल पटनी को भी आरोप मुक्त कर चुकी है।
Hindi News/ Crime / Fake encounter case: एडीजीपी गीता जौहरी से भी हटे आरोप