आपको बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर वसूली के आरोप लगाकर हाई कोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की थी। यह भी पढ़ेंः
1993 Mumbai Blast Case: कड़ावाला हत्या मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन बरी, इस वजह से कोर्ट ने लिया ये फैसला परमबीर सिंह की शिकायत के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंप दी गई थी। अदालत ने जांच एजेंसी को यह तय करने के लिए 15 दिन का समय दिया था कि भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जा सकता है या नहीं। इसी पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने शनिवार को कई जगहों पर छापेमारी भी की है। दरअसल पांच अप्रैल को हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे। इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुक्रवार को पूरी कर ली थी।
यह भी पढ़ेँः हॉस्पिटल से कोरोना वैक्सीन चुरा लगा गया चोर…फिर पेपर पर यह बात लिखकर लौटाई वैक्सीन ये है पूरा मामलादरअसल अनिल देशमुख उस दौरान सुर्खियों में आए जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक वाली कार मिलने के मामले में एपीआई सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को खत लिखकर देशमुख के खिलाफ आरोप लगाए। उन्होंने पत्र में लिखा कि, वाझे को अनिल देशमुख ने हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का आदेश दिया था। हाल ही में वाझे ने भी एनआईए कोर्ट को लिखे खत में यही आरोप लगाए हैं।
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के वसूली संबंधी आरोपों पर हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
एडवोकेट जयश्री पाटील ने अनिल देशमुख के खिलाफ यह याचिका दाखिल की थी. इस मामले में एनसीपी चीफ शरद पवार का नाम भी उछाला गया।