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ग्वालियर

बैठक में भडक़े ईसी मेंबर, बहिष्कार कर लगाए अनियमितताओं के आरोप

उन्होंने कहा कि विवि मनमाना रवैया अपना रहा है। कार्यों में खामियां सामने आ रही हैं। बिना टेंडर के फूड चेन को बेशकीमती जगह दी जा रही है। शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर डीसीडीसी डीडी अग्रवाल ने नियमानुसार काम नहीं किया है

ग्वालियरFeb 10, 2020 / 11:45 pm

Rahul rai

बैठक में भडक़े ईसी मेंबर, बहिष्कार कर लगाए अनियमितताओं के आरोप

बैठक में भडक़े ईसी मेंबर, बहिष्कार कर लगाए अनियमितताओं के आरोप

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों में अनियमितता और नियुक्तियां नियमानुसार नहीं होने का आरोप लगाकर ईसी मेंबर अनूप अग्रवाल ने सोमवार को कार्यपरिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर निकल गए। दूसरे सदस्यों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कहा कि विवि मनमाना रवैया अपना रहा है। कार्यों में खामियां सामने आ रही हैं। बिना टेंडर के फूड चेन को बेशकीमती जगह दी जा रही है। शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर डीसीडीसी डीडी अग्रवाल ने नियमानुसार काम नहीं किया है। इससे पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। बैठक में कुलपति कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला, कुलसचिव डॉ.आईके मंसूरी, वित्त नियंत्रक सगीरा सिद्दीकी सहित अन्य ईसी मेंबर मौजूद थे।
बैठक में ईसी मेंबर अग्रवाल ने आपत्ति जताते हुए कहा विश्वविद्यालय में कुलपति ने स्वीमिंग पूल का निर्माण खेल परिसर में करवाना शुरू किया था, लेकिन 50 से 60 लाख रुपए खर्च होने के बाद जगह बदलकर परीक्षा भवन के पास स्थान तय किया गया। स्वीमिंग पूल का स्थान बदलने के संबंध में कुलपति और खेल उप निदेशक ने सलाहकार डॉ.वीके डबास से परामर्श नहीं किया, इसलिए यह स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। अकादमी भवन निर्माण के लिए 6.0288 करोड़ रुपए पीआइयू को आवंटित किए हैं, इसमें से 5.077 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसकी रिपोर्ट और मैजरमेंट रिपोर्ट ईसी की मीटिंग में लाई जाए। विवि परिसर में करीब 5 हजार वर्गफीट जगह फूड चेन को दी जा रही है, इसके लिए टेंडर नहीं बुलाए गए हैं। उन्होंने समय से सूचना नहीं दिए जाने पर भी बैठक का बहिष्कार कर दिया। सदस्य ने आपत्तियां और शिकायत कुलपति, कुलसचिव के साथ उच्च शिक्षा मंत्री और राज्यपाल को भी भेजी हैं।
यह हैं आपत्तियां
शिक्षकों की नियुक्तियां
-31 जनवरी को हुई स्थाई समिति की बैठक के मिनट्स एकेडमिक काउंसिल से एप्रूव्ड नहीं हुए थे।
-शिक्षकों की नियुक्तियां यूजीसी के नियमों के अनुसार नहीं हुई। शिक्षकों के पास निर्धारित योग्यता नहीं है। कुछ नियुक्तियां 22 मई 2017 और 2018 में हुई हैं, इनको ढाई साल तक वैध नहीं माना जा सकता है। कुलपति और डीसीडीसी द्वारा गठित चयन समिति के अनुसार काम नहीं किया है। इसके लिए डीसीडीसी डीडी अग्रवाल को नोटिस दिया जाए।
स्वीमिंग पूल निर्माण
-ईसी मेंबर अनूप अग्रवाल का आरोप है कि जूलॉजी, बॉटनी अध्ययनशाला में पांच साल में कितने छात्रों ने एडमिशन लिया है, यह जानकारी देने के बाद ही अध्ययनशालों का विस्तार किया जाए।
-परीक्षा भवन पर वाहन स्टैंड का बिंदु सामने आया है, इसके लिए ईसी का अनुमोदन लिया है तो बताया जाए।
-डस्ट फिलिंग के लिए आए प्रस्ताव को भी ईसी मेंबर ने अस्वीकार किया है। सदस्य का कहना है कि डस्ट उडऩे से लोग अस्थमा के शिकार हो सकते हैं, इसलिए वॉकिंग ट्रैक पर एक्सपर्ट की सलाह से काम कराया जाए।
-ईसी के अनुमोदन के बिना ही निविदाएं आमंत्रित कराई गई हैं। पीएचडी को लेकर हुई जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
-विवि परिसर में संचालित हेल्थ सेंटर पर खर्च बंद किया जाए और रीवा एवं जबलपुर की तर्ज पर संचालित किए जाएं।
-युवा महोत्सव में हुए खर्च का ब्योरा प्रस्तुत करने के बाद ही बिल पास किए जाएं।
कुलाधिपति को जानकारी भेजी है
-कुलपति, कुलसचिव और डीसीडीसी द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जरूरी विषयों का ईसी से अनुमोदन नहीं लिया जा रहा है। बैठक की सूचना भी समय से नहीं दी जा रही। कुलाधिपति भी इसकी जानकारी भेजी है।
अनूप अग्रवाल, कार्यपरिषद सदस्य, जीवाजी विश्वविद्यालय
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