पुलिस के मुताबिक थियेटर के एक सुरक्षा गार्ड ने नाबालिग लड़की से शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार किया जब वह थिएटर से पानी लेने गई थी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लड़की शौचालय गई हुई थी जब उसके साथ यह घटना घटी। आरोप है कि गार्ड ने हाथ-पैर बांधने और उसके मुंह में कपड़े ठूसने के बाद के बाद बाथरूम में नाबालिग लड़की से कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। लड़की के माता-पिता दैनिक मजदूर हैं।
भारत और चीन के दोस्ताना सुर, दोनों सेनाओं की बाॅर्डर पर पर्सनल मीटिंग बाथरूम में गार्ड का गन्दा काम लड़की के रिश्तेदारों ने कहा, “हम सभी विजता थिएटर के पास सुबह 7 बजे पानी ले गए थे। हम सभी वहां से बाहर आ गए आए थे लेकिन लड़की बाहर नहीं आई थी। बहार आने पर लड़की ने बताया कि बाथरूम में उसके हाथ पैर बांध दिए गए और फिर सुरक्षा गार्ड ने उससे रेप करने की कोशिश की ।
हैदराबाद पुलिस के सनकनगर इलाके के एसएचओ वेंकट रेड्डी ने बताया कि लड़की बेहद गरीब परिवार की है जो पास की झोपड़ियों में रहती है। बताया जा रहा है कि प्रशांत नामक विजता थिएटर के गार्ड ने लड़की के अकेले बाथरूम में रह जाने पर उसे एक अन्य कोने में खींच लिया और उससे बलात्कार करने की कोशिश की।” लड़की के रिश्तेदारों ने शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस आगे की जांच कर रही है। लड़की को मेडिकल जांच के लिए पुलिस ने अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 3 और धारा 4 के उपधारा (1) और (2) के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई जे डे मर्डर केस: मकोका अदालत आज सुनाएगी फैसला नहीं थमा रहा रेप का सिलसिला पिछले कुछ दिनों में देश के लगभग हर कोने से छोटी लड़कियों के साथ बलात्कार के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव से रिपोर्ट किए गए बलात्कार के मामलों पर आक्रोशित नागरिकों ने देश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर उतर कर विरोध किया। बता दें कि छोटी बच्चियों से बलात्कार के मामलों में पॉक्सो एक्ट में संशोधन अध्यादेश के के बाद भी अपराधियों के मन में कोई डर पैदा होता नहीं दिख रहा है। पॉक्सो के तहत 12 साल से कम उम्र के लड़कियों से बलात्कार करने वालों को मौत की सजा सुनाई जा सकेगी। हालांकि इस अध्यादेश को मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं क्योंकि कई लोगों का मानना है कि अगर कानून के बाद भी बलात्कार के मामलों में न्याय नहीं मिलता है तो कानूनों का कोई मतलब नहीं है।