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चेन्नई

बाइक खरीदार को हेलमेट देना अनिवार्य लेकिन डीलर कर रहे मना

हेलमेट के बारे में लोगों की सोच आमतौर पर यह होती है कि यह केवल पुलिस की कमाइ का साधन है इसलिए दुपहिया चालकों पर यह थोपा जा रहा है। लेकिन…

चेन्नईMay 21, 2019 / 01:14 am

मुकेश शर्मा

Helmets to bike buyer mandatory but dealer refuses

Helmets to bike buyer mandatory but dealer refuses

चेन्नई।हेलमेट के बारे में लोगों की सोच आमतौर पर यह होती है कि यह केवल पुलिस की कमाइ का साधन है इसलिए दुपहिया चालकों पर यह थोपा जा रहा है। लेकिन लोगों की यह सोच गलत है हेलमेट पुलिस नहीं स्वयं की सुरक्षा के लिए जरूरी है। यह किसी भी दुर्घटना के समय गिरने पर सिर का बचाव करता है जिससे व्यक्ति मौत से बच सकता है।

लोग इसी गलत सोच के चलते कई लोग या तो हेलमेट खरीदते ही नहीं और खरीदते हैं तो चालन के समय केवल सिग्नल्स पर ही लगाते हैं बाकी समय बाइक के साइड में लगा लेते हैं जो कि बिल्कुल ही गलत है। वैसे कुछ फैशनेबल लोग बालों की सैटिंग बिगडऩे के डर से भी हेलमेट नहीं लगाते और फिर वाहन को तेज गति से दौड़ाते हैं ऐसे में कभी गलती से भी दुर्घटना का शिकार हो जाए तो सिर की चोट से मौत के मुंह में चले जाते हैं। इसलिए हेलमेट पुलिस के बचने के लिए नहीं बल्कि खुद के बचाव के लिए जरूर लगाना चाहिए।

तमिलनाडु की जनता के लिए राज्य सरकार और मद्रास उच्च न्यायालय ने कई बार हेलमेट अनिवार्य करने की घोषणा की, लेकिन लोगों को फैशन के आगे कुछ नजर नहीं आता। लोगों को लगता है कि हेलमेट नहीं पहनकर बाइक चालन में उनको ज्यादा आराम मिलता है। फर्क केवल इतना है कि वे यह भूल जाते हैं कि वे बिना हेलमेट के बाइक चलाकर मौत को साथ लेकर घूमते हैं। जो लोग इसकी महत्ता जान लेते हैं वे बाइक खरीदने के साथ हेलमेट भी खरीद लेते हैं।

खास बात यह है कि गत अप्रेल में हाईकोर्ट ने यह घोषणा की थी कि डीलर दुपहिया वाहन खरीदार को हेलमेट भी साथ देंगे लेकिन डीलरों का कहना है कि हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं है। दूसरा सरकार ने हम पर अलग से कर लगा रखा है यदि वह हटा दे तो हम हेलमेट ग्राहक को दे सकते हैं।

उनका यह भी कहना है कि हेलमेट लेने के लिए एक हजार रुपए ग्राहक को अलग से देने होंगे। ऐसे में ग्राहक वाहन खरीदने के बाद बाजार से भी हेलमेट कई दिन तक नहीं खरीदते। भले ही हेलमेट नहीं पहनने पर पुलिस को जुर्माना भरना पड़ जाए या दुर्घटना में जान गंवानी पड़ जाए लेकिन फैशन नहीं छोडऩी।

गौरतलब है कि इस साल जनवरी में ही बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले ११४ लोगों की दुर्घटना में जान चली गई और कई घायल हो गए। ऐसे में यदि सरकार द्वारा डीलरों को बाइक खरीदार को हेलमेट देने की प्रक्रिया लागू की गई है तो यह बाइक सवारों के हित में एक अच्छा कदम कहा जाएगा। सरकार के निर्देशानुसार नई बाइक खरीदने पर ग्राहकों को हेलमेट भी दिया जाना चाहिए। लेकिन डीलरों द्वारा इस प्रक्रिया को अब तक नहीं अपनाया गया है। इस साल अप्रैल में सरकार ने बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणित हेलमेट अनिवार्य कर दिया था।

तमिलनाडु परिवहन विभाग के इस निर्णय के अनुसार अगर कोई व्यक्ति नई बाइक खरीदता है तो उसे साथ में बीआईएस प्रमाणित हेलमेट भी दिया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाना है। इसी उद्देश्य से परिवहन विभाग ने यह अहम कदम उठाया है। केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम नियम १३८ (४) (एफ) १९८९ के तहत बाइक खरीदते समय बाइक निर्माताओं द्वारा बीआईएस को ध्यान में रखते हुए हेलमेट देना होगा।

एक पत्र के जरिए तमिलनाडु परिवहन आयुक्त ने वाहन निर्माताओं और डीलरों को बाइक के साथ हेलमेट देने का भी निर्देश दिया था। साथ ही आरटीओ को इसे सुनिश्चित करा कर हर महीने परिवहन आयुक्त के कार्यालय में रिपोर्ट भेजने को भी कहा गया था, लेकिन निर्देश के बावजूद इसका पालन नहीं किया जा रहा है।

हाल ही एक व्यक्ति ने बाइक खरीदते समय एक डीलर से हेलमेट की मांग की तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि उनके पास अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है। जानकारी मिलने पर वे हेलमेट देना शुरू कर देंगे। इससे यही पता चलता है कि सरकार ने अनिवार्य तो कर दिया है लेकिन निर्माताओं और डीलरों को इस बात की जानकारी नहीं दी गई है।

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