कोरोना मरीजों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी, भारत में केवल 35 रुपये की दवा हुई लॉन्च एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने तीनों आरोपियों को ईडी की हिरासत में भेज दिया है और निदेशालय को निर्देश दिए हैं कि स्वप्ना सुरेश से पूछताछ केवल 10 से 5 बजे के बीच की जानी चाहिए। वहीं, अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को यह निर्देश भी दिए कि अगर हिरासत में आरोपी का मानसिक यातना की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत को बताया कि स्वप्ना सुरेश ने खुलासा किया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव एम शिवशंकर से उनकी काफी नजदीकी है और वह (शिवशंकर) अच्छी तरह जानते थे कि उसकी (स्वप्ना) ईमानदारी संदिग्ध है। इसलिए शिवशंकर से भी आगे की पूछताछ जरूरी हो जाती है।
ईडी की तरफ से पेश वकील ने अदालत को बताया कि जब 17 अक्टूबर 2017 से 21 अक्टूबर 2018 तक भारतीयों को भोजन राहत पहुंचाने के लिए राज्य के प्रमुख अधिकारी संयुक्त राज्य अमीरात में थे, स्वप्ना की शिवशंकर से कई बैठकें हुई थीं। यह खुलासा हुआ है कि उसका मुख्यमंत्री कार्यालय में काफी दबदबा था।
BS-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर Supreme Court का बड़ा आदेश बता दें कि कोच्चि की अदालत ने गुरुवार को मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोच्चि अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) ने बीते सप्ताह सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद स्वप्ना सुरेश की याचिका पर बुधवार को आदेश देने की घोषणा की थी, हालांकि बुधवार को उन्होंने इसे गुरुवार के लिए बढ़ा दिया था।
सुनवाई के दौरान स्वप्ना सुरेश ने अदालत में दलील दी थी कि वह निर्दोष है। स्वप्ना ने कहा था कि मौजूदा मामला ( Kerala Gold Smuggling ) केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान को लेकर खड़ा किया गया है। वहीं, कस्टम विभाग ने दलील दी थी कि उनके पास स्वप्ना के खिलाफ कई पुख्ता सबूत हैं। इस मामले में एक अन्य आरोपी की पत्नी ने स्वप्ना के खिलाफ बयान भी दिया है।
सुनवाई के दौरान स्वप्ना सुरेश ने अदालत में दलील दी थी कि वह निर्दोष है। स्वप्ना ने कहा था कि मौजूदा मामला ( Kerala Gold Smuggling ) केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान को लेकर खड़ा किया गया है। वहीं, कस्टम विभाग ने दलील दी थी कि उनके पास स्वप्ना के खिलाफ कई पुख्ता सबूत हैं। इस मामले में एक अन्य आरोपी की पत्नी ने स्वप्ना के खिलाफ बयान भी दिया है।
गौरतलब है कि कोच्चि की विशेष एनआईए ( National Investigation Agency ) अदालत ने मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। स्वप्ना सुरेश ने अदालत में कहा कि उसे हिरासत में मानसिक यातना झेलनी पड़ी थी और इसी वजह से उसने सीमा शुल्क अधिकारियों को अपना बयान दिया था।
बता दें कि यह मामला 14.82 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का है। जिसे राजनयिक सामान के रूप में एक खेप में तस्करी करके तिरुवनंतपुरम में बीते 5 जुलाई को सीमा शुल्क द्वारा बरामद किया गया था।