scriptआरुषी हत्याकांड: 9 साल बाद आई फैसले की घड़ी, जानें अब तक क्या-क्या हुआ केस में | Know the fact of Arushi murder case after 2008 | Patrika News
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आरुषी हत्याकांड: 9 साल बाद आई फैसले की घड़ी, जानें अब तक क्या-क्या हुआ केस में

सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस आदेश को राजेश और नुपुर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

Oct 12, 2017 / 12:06 pm

Kapil Tiwari

arushi
नई दिल्ली: आरुषि और हेमराज मर्डर केस में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाने वाली है। 9 साल पुराने इस हत्याकांड में कई बार हुए अहम खुलासों ने केस को पूरी तरह से पलट दिया था। इस हत्याकांड में आरूषी के माता-पिता राजेश तलवार और नुपुर तलवार दोषी हैं और उन्हीं की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। आपको बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने नुपुर और राजेश को नवंबर 2013 में दोषी करार दिया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद तलवार दंपत्ति ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। उसी पर हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने 11 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आइए आपको बताते हैं कि 2008 में हुए इस हत्याकांड में अब तक क्या-क्या हुआ।

– 16 मई 2008 को 14 साल की आरूषी तलवार का शव उसी के बेडरूम में मिला था। आरूषी की गला काटकर हत्या की गई थी। पहले इस हत्या को लेकर नौकर हेमराज पर शक गया था, लेकिन इसके अगले दिन हेमराज की लाश भी घर की छत पर मिली थी।
– 23 मई 2008 को यूपी पुलिस ने आरूषी और हेमराज की हत्या के आरोप में आरूषी के माता-पिता को गिरफ्तार किया था। 1 जून को ये केस सीबीआई को हैंड ओवर कर दिया गया।
– 13 जून 2008 को सीबीआई ने डॉ राजेश तलवार के कम्पाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया। इसके बाद तलवार के दोस्त दुर्रानी के नौकर राजकुमार और तलवार के पड़ोसी के नौकर विजय मंडल को भी बाद में गिरफ्तार किया।
– जुलाई 2008 में राजेश तलवार गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर रिहा हुए।

– सितंबर 2009 में आरूषी हत्याकांड में सीबीआई की एक और जांच टीम बनाई गई। दिसंबर के महीने में सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट अदालत को सौंप दी।
– 25 जनवरी 2011 को राजेश तलवार ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ लोअर कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की। उस याचिका को लोअर कोर्ट ने 9 फरवरी को खारिज कर दिया।आरुषि के मां-बाप, राजेश और नुपुर तलवार को हत्या और सुबूत मिटाने का दोषी माना गया।
– 21 फरवरी को राजेश और नुपुर तलवार ट्राइल कोर्ट के समन को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे।
– इसके बाद मार्च 18 को हाईकोर्ट ने समन रद्द करने की तलवार की गुजारिश खारिज की और उन पर कार्यवाही शुरू करने को कहा। 19 मार्च को तलवार सुप्रीम कोर्ट गए, जिसने उनके खिलाफ ट्राइल को स्टे कर दिया।
– 6 जनवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने तलवार की अर्ज़ी खारिज करते हुए ट्रायल फिर से शुरु करने का आदेश दिया।
– जून के महीने में गाजियाबाद में विशेष सीबीआई जज एस लाल के सामने ट्राइल शुरू हुआ।
– 25 नवंबर को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने तलवार दंपति को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।
– जनवरी 2014 में सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को तलवार दंपत्ति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। जनवरी 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार की अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

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