ऐसे मामलों में जो सबसे बड़ी बात जहन में उठती है, वो है कानून व्यवस्था की बात। हालांकि देश में ऐसे कई कानून हैं जिनसे अपराधियों को सजा मिलती है। लेकिन बच्चियों से रेप पर कड़ा कानून बनाते हुए फांसी की सजा की मांग तेज हो गई है।
बच्चियों से रेप पर अलग-अलग कानून भारत समेत ऐसे कई देश हैं जहां पर बच्चियों से रेप पर अलग-अलग कानून बनाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की अगर बात करें तो देश बच्चों के साथ रेप मामले में पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है। रेप के आरोपियों को 10 साल से लेकर आजीवन उम्र की कारावास भी हो सकती है।
बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा हालांकि देश के कई राज्यों जैसे हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा का मसौदा तैयार किया गया है लेकिन अभी तक उस पर कोई कानून नहीं बना है। वहीं दिल्ली में भी बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा की मांग तेज हो गई है।
यहां मिलती है ये ऐसी सजा इसी क्रम में दुनिया के अलग-अलग देशों में रेप की सजा का प्रावधान भी अलग-अलग है। अमरीका की अगर बात करें तो यहां बच्चों से रेप पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कानून हैं। कहीं पर मौत की सजा है तो कहीं मौत की सजा ना देकर सिर्फ जुर्माना देने का प्रावधान है।
मलेशिया में बच्चियों के साथ यौन हिंसा के लिए मौत की सजा से इतर 30 साल की सजा और साथ में कोड़े मारने की भी सजा दी जाती है। वहीं सिंगापुर में चौदह साल के बच्चे के साथ रेप होने पर 20 साल की सजा और जुर्माना भी लिया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में रेप के आरोपी को 15-25 साल तक की सजा दी जाती है तो कनाडा में अधिकतम 14 साल जेल की सजा सुनाई जाती है। इंग्लैड में बच्चों से रेप पर 6 से 19 साल की जेल है तो वहीं न्यूजीलैंड में ये सजा 20 साल तक की है।
बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में दुनिया के आठ देश ऐसे हैं जहां बच्चों से रेप पर फांसी दी जाती है। इनमें चीन, नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान, ईरान, सऊदी अरब, यमन और सूडान शामिल है।
मिलती है रुह कांपने वाली सजा सऊदी अरब में दुष्कर्म के आरोपी का सिर काटकर सार्वजानिक तौर पर सजा दी जाती है। वहीं अफगानिस्तान और नार्थ कोरिया में एक हफ्ते के भीतर ही दोषी को गोली मार दी जाती है। चीन में दोषी को नपुंसक बनाकर उसकी हत्या कर दी जाती है तो मिस्र और ईरान में दोषी को फांसी पर लटका देने का प्रावधान है।