देशी बंदूक का इस्तेमाल हाल में आई एक रिपोर्ट से पता चला है कि कलबुर्गी और गौरी लंकेश को मारने के लिए देशी बंदूक का इस्तेमाल हुआ था। बता दें कि दोनों की मौत की गुत्थी सुलझाने में कई परतें खुलकर सामने आ रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, गौरी लंकेश की हत्या के बाद जो गोलियां और कारतूस बरामद किए गए थे, ठीक वैसे ही गोलियों और कारतूस दो साल पहले मारे गए कलबुर्गी की हत्या में भी इस्तेमाल किए गए थे। जांच में पता चला है कि दोनों ही मामलों में गोलियां देसी पिस्तौल से चलाई गई हैं और 7.65 मिलीमीटर की देसी पिस्तौल है।
चारों आरोपी 10 दिन के लिए एसआइटी की हिरासत में कलबुर्गी का घर पर थे हत्यारे गौरतलब है कि इससे पहले भी एसआईटी ने बयान दिया था कि जिस व्यक्ति की पहचान हुई है, वह उन दो लोगों में से एक है, जो धारवाड़ में एमएम कलबुर्गी की हत्या के वक्त उनके घर पर मौजूद थे। बता दें कि कलबुर्गी की 30 अगस्त 2015 को उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
एमएम कलबुर्गी की हत्या जब हुई, उस समय उनकी पत्नी उमादेवी भी घर में मौजूद थीं। दो लोग उनके घर आए तो उमादेवी को लगा कि वो दोनों कलबुर्गी के छात्र हैं। कुछ देर बाद उमादेवी अंदर चली गईं, उनके जाते ही दोनों में से एक ने कलबुर्गी को गोली मार दी।
गौरी लंकेश मर्डर: हिंदू संगठन के नेता को SIT ने बनाया मुख्य आरोपी, 5 दिन की कस्टडी में भेजा अमोल काले के नाम से हुई है पहचान इन दोनों में से एक की पहचान अमोल काले के नाम से हुई है।एसआईटी ने खुलासा किया है कि अमोल काले नाम का ये शख्स वही है जिससे अब गौरी लंकेश की हत्या के मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा पूछताछ की जा रही है। साथ ही एसआईटी ने बताया कि काने की पहचान कलबुर्गी के परिवार के एक सदस्य ने ही की है। एसआईटी इस सबूत से ही मामले की जांच आगे बढ़ाएगी और प्रारंभिक जांच करने वाली आपराधिक जांच विभाग से भी संपर्क करेगी।